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22.12.07

88 भड़ासी--- साथियों से अपील

नए साल में 100 भड़ासी
भड़ास की सदस्य संख्या बस कुछ ही दिनों में 100 का आंकड़ा छूने को है। आज सदस्य संख्या देखने लगा तो कुल 88 लोग दिखे। बढ़िया है, भड़ास का भविष्य उज्जवल है। दरअसल, कई बार मुझे खुद लगता है कि आखिर भड़ास में क्या रखा है जो लोग उसे देखने, पढ़ने या मेंबर बनने आते हैं। इसका जवाब मेरे कई साथियों ने दिया, जो भड़ास को गाहे बगाहे देखते रहते हैं। उनका कहना है कि दरअसल भड़ास हम लोगों के लिए एक ऐसी जगह है जहां पर लगता है कि हम सभी अपने दिल की भाषा में बात कर रहे हैं। वो जो चीजें रोज रोज महसूस कर रहे हैं पर कह नहीं पा रहे हैं। वो बातें जो किसी से कहना चाहते हैं पर डर लगता है कि किससे कहें क्योंकि आजकल दीवारों के भी कान होते हैं। ये सारी बातें भड़ास में इतनी सहजता से लिखने और कहने और पढ़ने को दिल करता है कि लगता है जैसे भड़ास कोई ब्लाग नहीं बल्कि एक जिंदा पर्सनाल्टी लिए हुए कोई व्यक्ति हो। भड़ास एक फ्री स्पेस है, पर्सनाल्टी को रिलीज करने के लिए या अपने अंदर के कूड़े-कचरे को निकालने के लिए।
चलिए....भड़ास के सदस्यों की शतक सख्या पूरा होने का जश्न जल्द ही करेंगे। उम्मीद है कि नए साल में भड़ास कुल 100 की सदस्य संख्या के साथ प्रवेश करेगा।

भई, सभी भड़ासी लिखते रहें, आगे काम आएगा...
और हां, इस मौके पर मैं खुद सारे भड़ासी साथियों से अपील करूंगा कि वे गाहे बगाहे लिखते रहें। खासकर उन लोगों से जिन लोगों ने आजतक भड़ास पर कुछ नहीं लिखा। यह कहने के पीछे मेरा हित थोड़ा जो है सो है ही, आपका हित ज्यादा है। दरअसल, जिस तेजी से आनलाइन जर्नलिज्म का दौर आ रहा है और जिस तेजी से बड़े बड़े ग्रुप हिंदी में आनलाइन पत्रकारिता के लिए अपने अपने पोर्टल लांच करने लगे हैं वैसे में यह बहुत जरूरी है कि आप सभी पत्रकार और गैर पत्रकार मित्र खुद को आनलाइन लाइफ के साथ अभ्यस्त कर लें। इसके लिए जरूरी है कि आप यूनीकोड डायनमिक हिंदी फांट के साथ अभ्यस्त हों। उसमें कंपोज करना शुरू करें। मैंने हाल फिलहाल जिन शहरों की यात्रा की उनमें कई साथियों को ब्लागिंग करना और हिंदी टूल किट डाउनलोड करने के बाद कंप्यूटर में इंस्टाल कर टाइप करना बताया। इससे उन साथियों में अब गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। वे लोग अब अखबार की नौकरी-चाकरी के साथ साथ एक नई दुनिया के बारे में सोचने-विचारने लगे हैं ताकि कल को किसी आड स्थिति में वे खुद अपने पैरों पर खड़े हो सकें या फिर वे एक नई दुनिया की जरूरत के हिसाब से खुद को सक्षम बना सकें। आनलाइन जर्नलिज्म के बारे में जानने को लेकर और भड़ास से संबंधित अगर किसी साथी के मन में कोई सवाल हो तो बेहिचक मुझसे फोन पर या मेल के जरिये बात कर सकता है।

लेखन में विविधता लाएं
और हां, लिखने के लिए यह कतई जरूरी नहीं कि आप बहुत धीर गंभीर ही लिखें। आप चुटकुले, संस्मरण, कविता, गाने, व्यंग्य...कुछ भी लिख सकते हैं। और यह सब करने के लिए बड़ा आसान तरीका है, पहले भड़ास का मेंबर बनिए,,,दाएं तरफ लिखे भड़ासी बनिए वाले लिंक को क्लिक करके। उसके बाद उसमें अपनी मेल आईडी और पासर्वड डाल देंगे तो भड़ास के मेंबर बन जाएंगे। फिर नई पोस्ट पर क्लिक कर टाइटल में हेडिंग टालिए और नीचे के बड़े खाने में मैटर। और सबसे नीचे लिखे पब्लिश पोस्ट पर टाइप करिए, बस आपका लिखा भड़ास में छप जाएगा। उम्मीद है आप लोग एक बार ट्राइ जरूर मारेंगे। जो साथी लगातार लिखते रहे हैं उनसे अपील है कि वे अपने लेखने में विविधता लाएं। बोले तो कभी व्यंग्य तो कभी चुटकुला तो कभी संस्मरण तो कभी खबर तो कभी कहानी....। टेस्ट बदलते रहने से मूड हलका रहता है। मुझे ही देखिए ना, इन दिनों में क्या खूब बैटिंग कर रहा। कहानी लिखा, फिर खुद को स्वामी बनाया अपनी तस्वीर डालकर। उसके बाद बाबा ने सवालों के जवाब दिए। उसके पहले संस्मरणात्मक आलेख लिखे। चलिए, भाषण बहुत हो गया। 88 सदस्य बनने की खुशी में हम सभी मिलकर कहते हैं.... जय भड़ास
यशवंत

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