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7.1.08

इन्डिया मे गरीब भारत

मै हरियाणा का रहने वाला हू और पिछले दस सालों से यूरोप मे अपना स्थाई निवास बना रखा हें. सुबह की सुरूआत सारी हिन्दी अखबारों की ख़बरे पढ़ कर करता हू और जिस बात पर भारत मे ज्यादा बहस होती हें .वो हे गरीबी.
इतने विशाल ओर भू:संसाधनों से संपन भारत मे गरीबी क्यो हें ?इस का ऊतर होगा शायद भ्रष्टाचार . लेकिन ये भ्रष्टाचार किस की देन हे .राजनेताओं की, नोकरशाओ की, या आम जनता की जो हर पाच साल बाद वोट रुपी ढपा
लगा कर अपनी किस्मत उन नेताओ के हवाले कर देते हें जो हर बार गरीबी हटाएगे जेसे सपने दिखा कर गरीबी हटाने की जगह गरीबो को हटा रहे हें .कभी सुना हे की सांसदों का शाही खर्चा कम करने का बिल पास हुआ हो .जब तक पार्टियाँ सता मे रहती हें उन्हे गरीबी दिखाइ नही देती सता छि्नते ही उन के लिये गरीबी एक भयानक मुद्दा बन जाता हें,सारी कमियाँ इस भोली-भाली जनता की ही हें .जो हर बार इन राक्षस रुपी नेताओ के चगुल मे फस कर जात-पात और धर्म के नाम पर एक दुसरे को मारते काटते हें .जब तक जनता अपनी किस्मत भ्रष्ट नेताओ के हाथो सोपती रहे गी तब तक जनता को गरीबी मे ही जिना पडेगा .मुठी भर अमीरो से सारा भारत अमीर नही बन जाता .फ़िर अमीर तो बना ही गरीबो का खुन चुसने के लिये हें माफ़ करना मे लेखक नही हू जो दिल मे आया लिख दिया
गुलशन खट्टर पोर्तुगाल

1 comment:

Parth.actor said...

gulshan jee aap ne bilkul sahe kaha hai main aap se sahmat hun....hum apne he pair main kulhadi marte hai aur dos kise aur ko dete hai....hum sub ko phir se naye bharat ke khoj karne hoge..yeh woh bharat nahe hai jiske azadi 60 saal pahle hii they..

Parth Roy