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4.1.08

आपको भी मिलती हैं फर्जी मेल?

क्या कभी आपके ई-मेल आईडी पर कोई ऐसी मेल आई है, जिसमें आपकी कोई लॉटरी लगने की खुशखबरी हो और आपसे आपका बैंक अकाउंट नंबर माँगा गया हो? या फिर आपसे किसी ने मेल पर आर्थिक सहायता माँगी हो या किसी चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए कोई अनुदान। कई बार इस तरह के झाँसे देकर कुछ लोग फर्जी ई-मेल द्वारा आपसे संपर्क करने की कोशिश करते हैं।

ये फर्जी ई-मेल किसी भी बहाने आपके इनबॉक्स में अपना घर बना लेती हैं। कभी नौकरी का झाँसा देकर आपसे पैसे माँगते हैं तो कभी किसी लॉटरी के बहाने आपका क्रेडिट कार्ड नंबर। ऐसे में इन अपराधों को गंभीरता से लेना बहुत आवश्यक है।

हाल ही में एक जापानी कर्मचारी इसी तरह की फर्जी मेल भेजकर लोगों को गुमराह करने के प्रयास में पकड़ा गया था, मगर अधिकतर ऐसे साइबर अपराधियों को पकड़ पाना बहुत मुश्किल होता है। हाँ, मगर इस तरह के फर्जी मेल को पकड़ना बहुत मुश्किल नहीं है।

कैसे पहचानें फर्जी ई-मेल?

सामान्यतः फर्जी व स्पैम मेल को पहचानना बहुत मुश्किल नहीं है। बस जरूरत है, तो थोड़ी-सी सावधानी की। अकसर जो फर्जी ई-मेल हमारे पास आती हैं, उनके ई-मेल आईडी पर जरा गौर फरमाएँ। आप पाएँगे कि उनमें ढेर सारे मिले-जुले अक्षरों व संख्याओं का जमावड़ा होता है।

ई-मेल आईडी में लिखे शब्द का कोई अर्थ समझ में नहीं आता है। यदि किसी बड़ी कंपनी के नाम पर कोई फर्जी मेल आती है, तो जरा ध्यान दीजिए '@' के पहले किसी बड़ी कंपनी का नाम होता है और बाद में किसी फ्री सर्विस प्रोवाइडर का डोमेन नेम होता है।

कई बार आप इन ई-मेल के सब्जेक्ट से भी इनकी असलियत का पता लगा सकते हैं। जैसे अकसर ऐसे मेलों के सब्जेक्ट में 'अर्जेंट' या तुरंत ध्यान देने का अनुरोध दिखाई पड़े, तो समझ जाइए कि यहाँ मामला कुछ गड़बड़ है। अगर थोड़ी सावधानी रखी जाए, तो ऐसी फर्जी मेलों को पकड़ना कोई मुश्किल काम नहीं है।

कैसे रोकें स्पैम व फर्जी ई-मेल?

वर्तमान में ऐसे कई सॉफ्टवेयर व फिल्टर बाजार में उपलब्ध हैं, जो अपने आप ही आपके इनबॉक्स से इस तरह की अवांछित मेल व वायरस को डीलीट कर देते हैं। इतना ही नहीं, अगर आपको कभी इस तरह की कोई फर्जी मेल आए तो आप उसकी शिकायत 'Spam@uce.gov' नामक फेडरल ट्रेड कमीशन के ई-मेल पते पर भी दर्ज करा सकते हैं।

तो अब अगर अगली बार आपके इनबॉक्स में कोई ऐसी ही फर्जी मेल दिखे, तो बहकावे में आने के बजाय इसे पहचानकर कोई कारगर कदम उठाएँ।

साभारः एमएसएन हिंदी

3 comments:

राजीव तनेजा said...

बहुत बार ऐसी बोगस मेल्ज़ के दर्शन हो जाते हैँ...जिनसे किसी ना किसी बहाने आपको लूटने...एंठने की कोशिश की जाती है

बच के रहना बाबा

जानकारी के लिए शुक्रिया

जय भडास....

सागर नाहर said...

अभी परसों ही मैने भी इस विषय पर एक पोस्ट लिखी थी दानवीर कर्ण अफ्रीका में जन्मे थे!

इस बारे में शिकायत भी दर्ज की जा सकती है यह आज पता चला। जानकारी देने के लिये धन्यवाद।

अभिषेक पाटनी said...

कहीं शिकायत करने से लाख बेहतर है कि इन्हें नज़रअंदाज़ किया जाए...क्योंकि नेट की महिमा अपरम्पार है...कोई संदेश सुरक्षित नहीं और हर उपभोक्ता पर हर घड़ी नज़र रखी जाती है...पारम्परिक तरीका पत्र लिखने का ज्यादा बेहतर था (है)।