Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

2.1.08

सपने को हकीकत में बदलना संजीव से सीखिए- एक प्रेरणादायी उद्यमी


(तस्वीर साभारः बिजनेस टुडे)

सपने देखना और उसे पूरा करने वाले दुनिया के लिए रोल माडल हुआ करते हैं। मेरे लिए भी हैं। नौकरी डाट काम वाले संजीव के बारे में जब मैंने बिजनेस टुडे के लैटेस्ट अंक में पढ़ा तो मैं उनका प्रशंसक बन बैठा। एक शख्स जिसने शून्य से चीजें शुरू कीं और उसे अब 42 हजार करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी तक ले आया है। यह डाट काम इंडस्ट्री का सफलतम भारतीय उद्यमी है। इससे सबक लेना चाहिए, हमारे आप जैसे उन सभी को जो इस ज़िंदगी में कुछ बड़ा और कुछ नया करना चाहते हैं। मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि संजीव की कहानी को जरूर पढ़िए। इंट्रो मैं भड़ास पर पढ़ा दे रहा हूं, डिटेल के लिए आगे क्लिक कर लें...

Dot-com’s poster boy - Sanjeev Bikhchandani
Eight years is a long time in the life of a dot-com entrepreneur. In 1999-2000, Sanjeev Bikhchandani was struggling, and “probably the worst off” from his batch at the Indian Institute of Management, Ahmedabad (Class of 1989). Then, Mammon smiled and opened his purse strings. And how? Today, he is among India’s richest people, and a rupee multi-billionaire to boot, via his stake in Info Edge, the country’s only listed dot-com company. But he does not want to stop there. “Info Edge is not going to stop growing,” he says. Over the past few months, it has launched Brijj.com, a professional networking site modelled on LinkedIn, which is expected to leverage Naukri’s jobs database. Earlier in 2007, as part of his desire to build Info Edge into a “world-scale” company, he launched Naukrigulf.com, which does exactly as the name suggests, and it is already gaining tremendous traction. Sometime next year, the company expects to launch Shiksha.com, an educational website, about which he is reluctant to share details.

Then, with a market capitalisation of over Rs 4,200 crore, and an earnings multiple of over 80 (based on Info Edge’s projected net profit of Rs 50 crore in 2007-08), the company is well placed to mobilise large sums of money to fund new businesses or acquisitions.

आगे के लिए यहां क्लिक करें डाट काम का पोस्टर ब्वाय


ऐसी प्रेरणादायी आलेख आपको भी पढ़ने को मिले तो सारे भड़ासियों को पढ़ाएं।
जय भड़ास
यशवंत

1 comment:

विवेक रस्तोगी said...

धन्यवाद इतनी अच्छी जानकारी देने के लिये ।