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22.1.08

चजई - गहराई इतनी कि गहराई भी शर्मा गई


बाजार बेजार होकर करता रहा हुआं हुआं
सोमवार को बाजार हुआ सब कुंआ कुंआ

सेंसेक्स भारत का हो गया है धुंआ धुंआ
गिरा है रिलायंस भी कहता फिरे कलमुंहा

सोम को शेयर तांडव मचा गया हाहाकार
सब चिल्लाते रहे निकला नहीं चीत्कार

शेर कोई रहा नहीं गीदड़ सब शेर हुए
गीदड़ भी बचे नहीं वे भी अब ढेर हुए

नंदीरा भी नहीं बचा मंदी की चपेट से
धूल सारी चाट गया चढ़ा शेयर बाजार

खट्टा लगने लगा बना रहा है चटपटा
औंधे मुंह पसर गया अब रहा सटपटा

गहराई इतनी कि गहराई भी शर्मा गई
जोर से गिरा था धड़ाम आवाज आ गई

सोमवार को बज गया बाजार का बाजा रे
आने वाला भूचाल कहीं नजर नहीं आया रे

2 comments:

विनोद said...

सच्चा हाल बुना है
निवेशकों ने सिर धुना है

राजीव तनेजा said...

पता नहीं अब कितने लुडकेंगे
शेयर के नाम से ही दुडकेंगे
बहुत हो लिया सेवन ए विष
अमृत अब भरपूर चखाओ प्रभु