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1.1.08

एसएमएस से क्यों विश करें, ब्लाग और मेल को बनाएं विकल्प

होली, दीवाली, ईद, नया साल....ढेरों ऐसे मौके आते हैं जब मोबाइल इनबाक्स विश के मैसेज से भर जाता है। मोबाइल कंपनियां जमकर रेवेन्यू बनाती हैं। हर एक आदमी पचास से लेकर ढाई सौ, पांच सौ लोगों को मैसेज भेजता है। मतलब, इतने ही रुपये उसके कटते हैं/होंगे। अब जबकि ये सब तीज त्योहार और नया साल आदि हर साल आने हैं तो हर साल विश करने पर इतने पैसे क्यों खर्चे जाएं। क्यों न इनकी बजाय ब्लाग, या फिर मेल से अपने सभी परिचितों, सीनियरों और दोस्तों को विश किया जाए। हो सकता है कि तमाम लोग ब्लागर न हों, हो सकता है कई लोगों के पास मेल आईडी न हो, तो फिर?

इस सवाल का जवाब फिलहाल मेरे खयाल से यही हो सकात है कि जितने लोगों की मेल आईडी हो उनसे वो आईडी लेकर उन्हें विश किया जाए। इससे कम से कम दो तिहाई खर्चा (मोबाइल मैसेज भेजने का) अपने आप बच जाएगा। रही बात जिनकी मेल आईडी नहीं है तो उनके नाम लेकर ब्लाग पर विश एक पोस्ट के रूप में डाला जा सकता है और उन्हें बाद में कभी बात हो तो बताया जा सकता है कि मैंने आपको फलां ब्लाग पर विश किया हुआ है। इससे वो सज्जन ब्लाग पर आएंगे और ब्लाग खोलेंगे, जिससे ब्लागिंग का भला होगा। दूसरे आपके मोबाइल से मैसेज भेजने के पैसे भी बचेंगे।

आज जबकि मैं मोबाइल इनबाक्स, मेल इनबाक्स और ब्लाग, तीनों को लेकर बैठा हुआ हूं तो ये खयाल आया। मोबाइल में लगातार मैसेज आ रहे हैं, मेल में भी ढेरों साथियों द्वारा किया गया विश मेल आया पड़ा है। मैं इन सभी को दिल से धन्यवाद देता हूं और उम्मीद करता हूं कि ये पोस्ट वो पढ़ें तो जरूर सोचें कि किस तरह अगले किसी मौके पर (मकर संक्रांति और 26 जनवरी इसी महीने है और दो महीने बाद होली है) बजाय मोबाइल से मैसेज भेजकर विश करने के और अपना पैसा बरबाद कर मोबाइल कंपनियों को बेपनाह धनी बनाने के, मेल और ब्लाग के विकल्प को आजमाया जा सकता है।

जय भड़ास
यशवंत

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