Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

13.2.08

रचनाएं आमंत्रित

अतिशीघ्र प्रकाशित होने जा रही हिन्दी ब्लॉगर रचनावली के लिये सभी हिन्दी ब्लॉगरों से रचनाएं आमंत्रित हैं। ब्लॉगर रचनावली में फिलहाल पांच खण्ड रखे गये हैं। पहले खण्ड में हिन्दी ब्लागिंग की शुरूआत तथा हिन्दी में ब्लाग कैसे बनाये की संक्षिप्त जानकारी दी जाएगी और सर्वाधिक पढे गये ब्लागों के बारे में जानकारी दी जाएगी। दूसरे खण्ड में कहानियां रखी जाएंगी। कहानियों की संख्या लगभग १३ या १५ होंगी। तीसरे खण्ड में कविता, गजल और मुक्तक प्रकाशित किये जाएंगे। चौथे खण्ड में कुछ व्यंग्य एवं अंतिम खण्ड में ब्लागों में प्रकाशित कुछ अटपटी-चटपटी खबरों का समावेश किया जाएगा। ब्लॉगर रचनावली के पृष्ठों की संख्या २८८ रखी गई है।
सभी हिन्दी ब्लॉगरों से अनुरोध है कि वे उपरोक्त विधा की अपनी रचनाएं हमें ई-मेल planetpublication@gmail.com पर करें, जिससे कि रचना चयन के लिये समुचित समय मिल सके। एक विशेष बात वो ये कि हमें यह सारी रचनाएं shusha.ttf एवं shusha5.ttf फॉन्ट में चाहिए। क्योंकि हिन्दी ब्लागिंग में इस्तेमाल किया जाने वाला यूनीकोड फान्ट प्रकाशन के लिये उपयुक्त नहीं होता है। आप अपने कम्प्यूटर में गूगल सर्च के माध्यम से शुषा फांट डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें टाइपिंग करने के लिये आपको कुछ सीखने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि इसमें वही की-बोर्ड चलता है जो कि यूनीकोड में चलता है। आप इसमें आसानी से अपनी रचनाएं कम्पोज करके माइक्रोसाफ्ट वर्ल्ड में हमें ई-मेल कर सकते हैं।
इसके अलावा भी अगर हिन्दी ब्लॉगर हमें इस रचनावली प्रकाशन के संदर्भ में अपने कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो उनका हार्दिक स्वागत है।

5 comments:

अजित वडनेरकर said...

इसकी ज़रूरत क्या है ? ब्लागर क्या अलग चीज़ है ? साहित्य वाली बीमारी का ईलाज ढूंढने इधर आए हैं सब अब फिर रचनावली जैसी बातें ?

रवि रतलामी said...

रचनाओं को शुषा में फिर से टाइप करने की बाध्यता नहीं रखें. यूनिकोड से शुषा में आसानी से ऑनलाइन व ऑफलाइन औजारों के जरिए परिवर्तन हो जाता है.

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

भाई लोग जिसे जिसे छपास की प्यास बुझानी हो तो प्याऊ खुल गया है । अब बाद में मत रोना कि हमारे लेखन से माल छाप रहे हैं और हमें घंटा पकड़ा दिया तो पहले ही मालपानी की बात कर लेना...
जय जय भड़ास

चक्करघिन्नी said...

धन्यवाद रविजी। अब मुझे इतना कुछ पता नहीं था, इसीलिये मैने सुषा में टाइप कर भेजने के लिये कहा था। वैसे अगर आसानी से कनवर्ट कर सकने वाला साफ्टवेयर हो तो क्या आप मुझे इसे उपलब्ध करवा सकते हैं या यह बता सकते हैं कि इसे कहां से डाउनलोड किया जा सकता है।

अविनाश वाचस्पति said...

चक्करघिन्नी जी,
कनवर्ट करने वाले साफ्टवेयर के अलावा रचनायें भी आपको ब्लाग्स में मिल जायेंगी, बस इतना और करना चयन करने के बाद ब्लागर्स से स्वीकृति अवश्य ले लेना. दाम दे रहे हों तो वो भी दे देना.
मेरे ब्लोग्स यह है -

http://nukkadh.blogspot.com/
http://jhhakajhhaktimes.blogspot.com/
http://bageechee.blogspot.com/
http://avinashvachaspati.blogspot.com/
http://tetalaa.blogspot.com/