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15.2.08

सरकार की नीतियों की ऐसी-तैसी कर रहे ये आंकडे

बोलूंगा तो बोलोगे की बोलता है.लेकिन करूँ भी क्या,ये साला मिजाज फ़ना फना रहा था पुच्च से बहने को बेताब था तो सोचा ''भडास धाम'' पर उल्टी कर ही देते हैं। अब मेरी बातों से किसी का झांट झरके तो अपुन क्या कर सकता है बाप.... ।
तो अब विषय पर आता हुं। अपने मनमोहन और चिदंबरम साथ में उनके रतंतू तोते चिकार रहे हैं की देश तरक्की कर रहा है,सेंसेक्स आसमान छू रहा है,फील गुड हो रहा है और न जाने क्या से क्या बोले जा रहे हैं। लेकिन ये तरक्की बोले तो क्या... अपनी समझ में ये ,तरक्की, आ नही रही है। तरक्की बोले तो भूखा नंगा भारत,तरक्की बोले तो दर्द और वेवशी का भारत,तरक्की बोले तो सुसाइड करता कृषि प्रधान भारत..... जब चारों तरफ़ यही दीखता है तो तरक्की किधर,किसने माँ चोद ली तरक्की की। किस चश्मा से तरक्की दिख रही है उन को ? आप अब मेरे चश्मा से देखें :-

  • देश की graameeen aabaadee में abhee भी 19 feesadee लोग सिर्फ़ १२ रुपए में guzaaraa करते हैं।
  • shahree kshetr की २२ feesadee aabaadee १९ रुपए में apanaa gujaaraa karatee है।
  • अगर १ रुपए कमाई है तो ५३ पैसे भोजन पर,१७ पैसे anaaz पर ,८ पैसे dudh पर ,६ पैसे sabzee पर,५ पैसे नमक और cheenee पर और चार पैसे अन्य पर।

और bolun क्या? आगे आप तो जान ही रहे हैं। वैसे जान कर क्या करेंगे आप yaa हम। बस भडास utar गयी ,यही क्या कम बात है।

1 comment:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

मनीष भाई, हम और आप नहीं करेंगे तो क्या बिल अंकल आएंगे देश का भला करने या फिर किसी अवतार का इंतजार है ,प्रभु देश हमारी ही जिम्मेदारी है मुशर्रफ़ चच्चाजान इसे संवारने नही आने वाले । बस भड़ास निकाल लेना काफ़ी नही है अगर हम पत्रकार एकजुट हों तो देश की दशा और दिशा बदलेगी ही ....