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12.2.08

मेरी ट्रेन यात्रा

पता आप लोगो में से कितनो ने भारतीय रेल से यात्रा की होगी और वो भी साधारण क्लास से । एक दिन अकस्मात मुझे दिल्ली जाना पड़ गया । कानपुर से रात में श्रमशक्ति ११.४० पर जाती है। सोचा कही न कहीं जगह मिल ही जायेगी। लेकिन जो नजारा था उससे के बाद मेरे ज्ञान में अभूतपुर्व वृद्धि हो गयी उसी वृद्धि को आप लोगो बाट रहा जिसे अच्छी लेगे ले ले।कुछ पुलिस तथा कुली बाकयदा सीट दिलाने का ठेका लिये हुये थे तथा जिनसे बात होती जाती थी उनको ट्रेन आने से पहले प्लेटफार्म के दूसरी तरफ पानी भरने के पाइप के पास खड़ा कर दिया गया तथा जेसे ही गाड़ी आयी पहले दरवाजा दूसरी तरफ से खोला गया तथा जब सभी लोग बैठ गये तो प्लेटफार्म की तरफ का दरवाजा खोला गया साथ ही कुली भी बैठे लोगो से पूछ रहे थे तुम किसके साथ हो यदि कोई जवाब न मिलता तो उसे बाँह पकड़कर उठा देते थे। तो इस तरह ट्रेन में सीट पक्की होती थी। सीट लेने का ठेका ३०-५० रुपये के बीच था जैसा भी तय हो जाये।
तो इस तरह से साधारण क्लास में लोगो से लूट होती है। वैसे शायद रेल मंत्री जी को इस पर विचार करना चाहिये रेल की कुछ आमदनी बढ़ जायेगी और कहने को भी हो जायेगा कि हमने किराया नहीं बढ़ाया।

3 comments:

Ashish Maharishi said...

हिंदुस्‍तान में जब रेल मंत्री ही चोर हो और चारे तक को नहीं छोडता हो, उस देश में कुलियों और पुलिस वालों से क्‍या उम्‍मीद की जा सकती है

Unknown said...

बहुत सही ऐसा कुछ हामारे साथ भी हो चुका है.बस फ़रक शहर का था .बोले तो राज ठाकरे सरकार की मुम्बई वहा भी ऐसा सब चलता है.कुलीयो का गुन्डा राज बिना कारण पिटाई भी करने से नही चुकते ये लोग.तब बचाने ना राज और
उत्तर भारतीयो का मसीहा समझ्ने वाला अबु आजमी आता है.अरे भाई कोई है सुनने वाला ??गन्दा है पर धन्धा है ये :))

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

आशीष भइया और साजिद भाई,काफ़ी जले भुने बैठे हो तो जो सुलग रहा है उसका धुंआ दिखाते चलो ..
जय जय भड़ास