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6.2.08

जबलपुर शहर और भाई समीर लाल जी से एक यादगार मुलाकात


जबलपुर शहर और भाई समीर लाल जी से एक यादगार मुलाकात
श्री समीर लाल जी हिन्दी ब्लॉग जगत के जाने माने हस्ताक्षर है जो अपने विचारो और भावनाओ से ब्लॉग जगत मे धूम मचा देते है और नव ब्लागरो के प्रेरणा श्रोत है और हमेशा अपनी अभिव्यक्ति/टिपण्णी से हमेशा नव ब्लागरो को प्रोत्साहित करते रहते है उनके वगैर ब्लॉग जगत सूना-सूना सा लगता है | समीर जी की पोस्ट कुंठा से ग्रंथि तक के बाद हम सभी पाठको को करीब ३ माह तक उनकी रचनाये पढ़ने को नही मिली थी और हम सभी को लग रहा था कि आखिर क्या कारण है भाई समीर जी लिख क्यो नही रहे है | एक दिन आरकुट मे मुझे समीर जी का एक संदेश मिला कि मैं जल्द से जल्द जबलपुर आ रहा हूँ तो मेरे मन मे उनसे मिलने की असीम इच्छा जाग्रत होने लगी | एक दिन मुझसे रहा न गया तो मैंने मोबाइल पर उनसे सम्पर्क स्थापित किया तो उन्होंने जानकारी दी कि वे अभी मुम्बई मे है | फ़िर नेट से जानकारी जानकारी मिलती रहती थी कि समीर जी मुम्बई मे ब्लॉगर मीट मे उपस्थित थे तो कभी पता चलता कि आप मध्यप्रदेश के सीहोर मे कवि सम्मेलन मे रहे फ़िर गंतव्य की ओर रवाना हो गए है परन्तु उनके निश्चित स्थान का मैं कभी भी पता नही कर सका | ऐसा लगने लगा था कि भाई समीर जी भारत भ्रमण के दौरान छापामार तरीके से अपनी गतिविधियाँ संचालित कर रहे है और अलोप रहकर ब्लॉगर मीट ओर कवि सम्मेलनों मे अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है | दिनाक २८ जनवरी को भाई समीर जी का फोन आया कि मैं जबलपुर आ गया हूँ और काफी दिनों तक इस शहर मे रहूंगा तो मेरी खुशी का ठिकाना न रहा और एक पोस्ट मैंने दे दी कि भाई समीर लाल जी जबलपुर मे है फ़िर क्या था वैसे ही सभी लगातार उनकी तीन माहो से खोज कर रहे थे आखिर समीर जी है कहाँ ? भाई काकेश जी ने कहा कि भाई समीर जी का हम भी स्वागत करते है | ममता जी ने कहा कि अब तो आगमन की पूरी रिपोर्ट की प्रतीक्षा रहेगी । ज्ञान दत्त जी पाण्डेय जी ने कहा…
अच्छा, उड़न तश्तरी का लैण्डिंग प्लेटफार्म है जबलपुर मे बड़ा फार्वर्ड शहर है जी समीर जी के क्या मिजाज हैं? संजय तिवारी जी ने कहा… समीर लाल जी से कहिए थोड़ा लिखें भी. ब्लाग दुनिया से इतनी दूरी क्यों बना रखी है? संजीत त्रिपाठी जी ने कहा… हाय! अब जाकर जान में जान आई,यह पढ़ने से मैनें तो पूरी तैयारी कर ली थी अखबारों में यह इश्तेहार देने की कि "फलां-फलां जैसी दिखने वाली फलां फलां मेक की उड़नतश्तरी एक लंबे समय से गायब है, बताने वाले को ईनाम दिया जाएगा, कृपया आवारा बंजारा के पते पर सूचित करें ;
अविनाश वाचस्पति जी ने कहा…
उड़नतश्तरी उड़ रही लगातार
बिना किये पोस्टों पर विचार
क्यों हो रहा है यह अनाचार
कर रहे सब ब्लागर्स विचार्
अजित वडनेरकर ने कहा… अरे ये पोस्ट आज अचानक क्यों लिखी जा रही है भई। समीर जी तो जबलपुर से ही भोपाल आए थे और भोपाल होते हुए ही जबलपुर गए थे । मेरी मुलाकात करीब एक महिने पहले हुई थी । अलबत्ता घुमक्कड़ी खूब कर रहे हैं । और कुछ अच्छी अच्छी योजनाएं बनाने में लगे हैं । हर्षवर्धन ने कहा…समीरभाई का सादर अभिनंदन है । लेकिन, ये कुंठा से ग्रंथी के आगे भी मामला बढ़ाइए। ये अच्छी बात नहीं है | रविवार की सुबह मैंने आप सभी की भावनाओ से भाई समीर जी को अवगत कराया और उनसे निवेदन भी किया की आप अपनी पोस्ट कुंठा से ग्रंथी के आगे भी मामला बढ़ाइए। शाम को उनकी वापिसी हुई लोटा के शोध के साथ पढ़कर बड़ा ही आनंद आया | अचानक कल रात्रि मे फ़िर से उनसे प्रत्यक्ष मुलाकात हो गई और थोडी बहुत चर्चा हुई चूकि समीर जी शहर मे पारिवारिक कारणों से अति व्यस्त है और इसीलिए जादा मुलाकात नही हो सकी है परन्तु उन्होंने पुनः मिलने का वादा किया है | समीर भाई के बारे मे मैंने जैसा सुना था वे उससे एक कदम आगे है | स्वस्थ है बड़े मिलनसार,हंसमुख स्वभाव के है और उनका व्यक्तित्व मृदुभाषी सरल स्वभाव का है और हमेशा सभी को नियमित लेखन हेतु प्रोत्साहित करते है इसीलिए वे सबके चहेते बन गए है |

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