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8.2.08

उपराज्यपाल के भी गाल बजे हैं

मुंबई में अब गुंडाराज आ गया है
सच है एक गुंडा राज आ गया है
सच ही एक गुंडा आज आ गया है

नेता है या गुंडा है
ठाकरे परिवार का मुंडा है
फिर भी मचा रहा दंगा है

मारता टैक्सी टैम्पो वालों को
भगा दो इन सब सालों को
अक्खा मुम्बई हमारा है

क्या काम अब यहां तुम्हारा है
देखो देश को बांट रहा है
सबको अब तो डांट रहा है

खुद बना अंग्रेज़ों का साला है
क्या पीकर आया हाला है
दिल्ली के भी हाल वही हैं

दिल्ली उपराज्यपाल के भी गाल बजे हैं
उनसे भी सुर तो यही निकले हैं
देश की दुर्दशा के सिपहसालार बने हैं

इनमें नही बोध तनिक भी है
मन मानस भी तो कम ही है
तभी हरकतें इनकी निन्दनीय हैं

इनसे सबको बचना होगा
इंसानियत की राह पर चलना होगा
विकास देश का सर्वोत्तम होगा

2 comments:

राजीव तनेजा said...

अपना उल्लू सीधा करने में जुटे हैँ....

देश को...ये तेरा हिस्सा...
ये मेरा हिस्सा कह बांटने में लगे हैँ....

अविनाश वाचस्पति said...

बहुत खूब