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7.4.08

हैप्पी "विक्रम संवत २०६५" यानि न्यू ईयर

आज सुबह सुबह जब आंख खुलने ही वाली थी कि एक राजाओं जैसे हुलिये वाला शख्स सामने से आता दिखा तो मुझे लगा कि ये सपना शायद किसी माइथोलाजिकल बैकग्राउंड से संबंधित है। लेकिन उस शख्स ने बताया कि वो तो महाराज विक्रमादित्य हैं। दिमाग पर काफ़ी जोर देने पर याद आया कि अरे बाप रे ये तो बड़े प्रतापी महाराज हैं। उन्होंने मुझसे बड़ी रिक्वेस्ट-सिक्वेस्ट करी कि अरे तुम भड़ासी तो हिंदी वाले हो और न जाने क्या बात थी पौष माह की एकादशी को "हैप्पी न्यू ईयर" चिल्ला चिल्ला कर एक दूसरे को बधाई दे रहे थे, मदिरा आदि का सेवन करके पगलाए जा रहे थे। मैंने स्वर्ग में सबसे पूछा तो मुझे बताया गया कि आज मानव जाति ईसा मसीह के नाम से वर्ष की शुरूआत मानती है इसलिये यह उन्माद है। इसलिये हे भड़ासी प्राणी,आज अगर तुम हिंदी का दंभ भरते हो तो मेरे नाम से चल रहे विक्रम संवत के शुरुआत की भी जनसामान्य को शुभेच्छा दे दो कि आज से विक्रम संवत २०६५ प्रारंभ हो गया है। यदि तुम मुझे भूल गये तो दोष तुम्हारा नहीं है यह तो समय का प्रभाव है लेकिन तुम सब तो धारा के विपरीत चलने का साहस करते हो। अचानक आंख खुल गयी और उठते ही महाराज विक्रमादित्य आशीर्वाद की मुद्रा में हाथ उठा कर अद्रश्य हो गये। मैं उनके निवेदन पर यह पोस्ट डाल रहा हूं अगर मन करे तो एक दूसरे को शुभेच्छा दे दो वरना अगले साल फिर महाराज याद दिलाने आयेंगे।

7 comments:

Anonymous said...

हम निम्न कोटि के घटिया हिंदी भाषी चूतियों को हिंदी नव वर्ष की याद दिलाने के लिये आपका THANK YOU.

Anonymous said...

हम निम्न कोटि के घटिया हिंदी भाषी चूतियों को हिंदी नव वर्ष की याद दिलाने के लिये आपका THANK YOU.

rakhshanda said...

ohh means unke yaad dilaane par aapko yad aaya...varna to aap bhi bhoole huye the...Happy vikram sanvat..

Unknown said...

जीवन में संग आपके रहे सदा उत्कर्ष
नव संवत्सर ये आपको दे गौरव और हर्ष।
पं.सुरेश नीरव
मो.९८१०२४३९६६

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

रक्षंदा आपा,अब देखना है कि हिजरी संवत को भी कोई याद दिलाने आता है या खुद ही याद रहेगा। अच्छा हुआ महाराज विक्रमादित्य सपने में आ गये वरना तो हम इंग्लिश-विंग्लिश में ही फिसल फिसल कर गिर रहे थे.....

Anonymous said...

doctor saab ko bhi apne naye hindi varsh ki hardik subhkaamna,

chalo sapne ke bahane hi sahi hamare vikrmaditya maharaj yaad to aaye.

waisai doctor saab mera ghar nepal border par parta hai or mithila main es naye din ko hum holi ki tarah hi kheltye hain so ek maithil to apne naye varsh ko nahi bhool sakta. aakhir hamre yahan ka aaj ka "JUDD SHITAL" jo hai ye

aapko nav varsh ke saath judd shital ki bhi hardik badhai

Anonymous said...

doctor ji raat mein daaru pine ke baad subah mein aise maharaj ji roj aate hain.jis subah aapke dar par vikram dada aaye the,uske kuchh ghanton baad janaab mere paas bhi aaye the aur mere se bole ki tere ko bhi badhaai re bhaai.

to sab bhai bahin logan ko bhar kanth badhaai.aapko bhi,ham ko bhi,gam ko bhi,khushi ko bhi matlab full badhaai re bhaai.