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4.4.08

बड़ा अजीब सा लगता है

ना जाने सब कहाँ चला गया? कब तक जीवन के आने जाने का चक्कर हमें नचाता रहेगा? क्या सब लोगों को वक्त यूंही घुमाता रहेगा, आख़िर कब तक हम सब भडासी भाई बहिन एक दूसरे को एक नस्हियत देते रहेगे ........ क्या वाके हम लोगों को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है , हम ब्लॉग मैं गन्दी -गन्दी गाली का इस्तेमाल बड़ी भडासी शान से करते है क्या है यह सब बार -बार इस मंच के माध्यम से कहा जाता है की सभी भडासी भाई मर्यादा मैं रहकर ही अपना -अपना गला साफ करे लेकिन शायद मुझे कोई बता सकता है कुछ मेरे प्यारे भडासी भाई कुछ ना कुछ ज्यादा उगल जाते और ब्लॉग देखने मैं हमे बड़ा अजीब सा लगता है ............................ भाई लोगों बुरा अगर किसी को लगे तो छोटे भाई को माफी प्रदान करने की कृपा करें ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, जय जय भडास, जय जय यशवंत

2 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

गौरव भइया,यहां कोई बुरा नही मानता है कि आपने कितनी उल्टी कर डाली है,भला उल्टी भी आप मर्यादा में रह कर करेंगे और रही बात छोटे बच्चों की तो वो तो अगर छिछ्छी भी कर देते हैं तो बड़े लोग उसका बुरा नहीं मानते बस मुझे बोल देते हैम कि जरा देखो तो बच्चे का पेट क्यों खराब है? आप लगे रहिये निकालने में भकाभक....

गौरव मिश्रा (वाराणसी) said...

aap ki aagya ka palan hoga dr.bhai....... jay jay bhadas