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12.4.08

बे अपने हरे दादा भूखे मर रहे हैं...और उ सार लोग ढीर भर के ढकार कर रहा है...तोरी भुत के एन्ना नही मानेगा भोंसरी लोग

इ का सूना.....अभी पता चला की हरे दादा का किचेन बिल्कुल खाली है,पहले तो लगा की मजाक कर रहे हैं लेकिन फेर गुरु ने कलपते हुए कहा की बिल्कुल सही बोल रहा हुं जी होटल मे खाते -खाते हालत पतली है,दादा कमजोर हो गए हैं......तो बर्दाश्त नही हुआ जी ,अपन लोग तो ऐसा मामला खोजता ही है कारण की इधर रोज देखता हुं...भोरे भोर सिलिंडर लाद कर छौरा,जुअनका सब तबाह रहता है,गांड से पसीना बह रहा है फ़िर भी सिलिंडर ले कर खड़ा है..अब बारी की तब बारी ......लेकिन जिसको सेटिंग सही है उसको मिलबे करेगा बाकी लोग सिलिंडर अपने गांड में घुसा कर इन्तजार करो।

तो दादा,ये वाला मामला इधर भी बहुत है,आप किसी भी एजेंसी में जाइए या दौड़ते रहिये आप उपभोक्ता हैं तो क्या कालाबाजारी करने वालों को ये भीरू लोग तुरंत गैस दे देता है ऊपर से चाय चुक्का लेकिन बाकी लोग खाली हिबिये। तो ये वाला पाला अपना भी पडा....परसों ही हरे दादा....बहन की शादी में हलुअई ने बोला की कम से कम दस सिलिंडर का व्यवस्था कीजिए तब काम होगा तो घर में तो अभी भी सन्ठी और रहरी का जरना जारते हैं इ दस गो सिलिंडर किधर से लायें। फ़िर भी हिम्मत नही हारे और सम्पर्क किए एक एजेंसी वाले से,बोले की भाई जान ऐसा बात है मेरे को दस सिलिंडर चाहिए तो उ बोला एक दम हो जाएगा पाँच सौ रुपये प्रति सिलिंडर ...एक दम घर पर पहुंचा देंगे .हम अभी बैठे ही थे की दु तिन गो उपभोक्ता टैप का लोग आया और बोला मेरा चुल्हा बंद है हमको दे दीजिये नही तो सब मर जायेगा,परिवार तबाह है। जानते हैं उ एजेंसी वाला का बोला उ सार बोला की अभी स्टोक में माल नही है चाचा जी आप दस दिन बाद आइये । मैं चुपचाप सुन रहा था...स्साला अपन का मिजाज बड़ा धिप गया उ अंकल टैप का लोग धुप में काफ़ी परेशां दिखा तो मैंने उस एजेंसी वाले से बोला की यार मेरे को नौ सिलिंडर ही चाहिए तू एक सिलिंडर चाचा जी को ही दे दो। उ बमक गया...बोला पाँच नमरी से कम में नही देंगे । और अंत में यही हुआ की बेचारे पाँच सौ देकर तब सिलिंडर लिए।
तो हरे दादा....इधर तो अभी भी लोग अशिक्षा के कारण प्रतिरोध नही कर पाते हैं लेकिन आप लोग तो इतने बड़े लोग हो ...बे भाया दस गो छौरा गो जुटाओ और सोझे एजेंसी वाला को गोर हाथ बाँध कर डी एम् के पास ले जा कर पटक दो...तब देखना साले कालाबाजारी की कमाई से पेट भरने वाले ऐसन प्राणी का इलाज कैसे होता है। वैसे मेरे लिए कोई विशेष आदेश हो तो मैं अभी पाँच बोझ जरना राजधानी एक्सप्रेस में बुक कर के आपके पता पर भेज देता हुं। इससे भी काम नही चले तो फ़िर अगला आदेश करो मगर करो जरुर...लडो जरुर...ऐसन भोंसरी लोगों का इलाज सच में होना जरुरी है।
वैसे भारत सरकार कह रही है की सब के घर में चुल्हा जल रहा है ,देश तरक्की कर रहा है।
जय भडास
जय यशवंत
मनीष राज बेगुसराय

8 comments:

Unknown said...

manish bhaee kuchh mt bhejna mai ldunga aur dilli aur u.p ke bhadasi sathi mera sahyog krenge...mujhe pura bharosa hai

Anonymous said...

hare dada bihari saathi ko bhul gye kaa ho?

Anonymous said...

dada,

saathi kahin ke hoon aapke saath hain. aap bas adesh karo. manish bhai e to bihari ko bhuliye gaye.

Dada adesh kijiye.

यशवंत सिंह yashwant singh said...

हरे भाई, मैं इस वक्त आगरा में हूं। कल पहुंचूंगा दिल्ली। आप कहें तो मैं अपने सिलेंडर वाले चेले को फोन करके आपसे बात करने को कह दूं। आपसे एड्रेस लेकर वो आप तक पहुंचा देगा। या फिर ऐसा करिये, आजकल मैं दिल्ली में हूं नहीं सो मेरा घर खाली पड़ा है। चाभी कहां है, मैं फोन पर बता दूंगा आपको। वहां एकाध दिन काटिए फिर मैं आता हूं तो दारू पीकर हम लोग चलकर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर के सामने धरने पर बैठते हैं। कुछ तो असर होगा...जय भड़ास

Unknown said...

nhi, yshvnt bhaee mai aag lgaunga to unhi chutiyon ki silinder me jinki dukan pr jakr unhe nmste kr aaya hoon....bhadasi bhaee meri mnokamna jroor pura krne me sahyog denge

अबरार अहमद said...

पडित जी चिंता मत करिए हम सब आपके साथ हैं। दूर हैं तो क्या आपका चूल्हा नहीं जलेगा। ढाई सौ भडासी सही मायनों में तब तक नहीं सो सकते जब तक आपका चूलहा नहीं जलता।

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

वैसे भारत सरकार कह रही है की सब के घर में चुल्हा जल रहा है ,देश तरक्की कर रहा है।
क्या गलत है इसमें अगर चूल्हा नहीं जलता होता तो देश की जनसंख्या की समस्या कब की हल हो गयी होती, चूल्हा(हरे भाई की तरह गैस का नहीं) जलता है पर उसके ऊपर पकाने को कुछ खास नहीं होता सिवाय उम्मीद के.....

Unknown said...

aap sbka shukriya, meri smsya jyon-ki-tyon hai...