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8.5.08

एक लाख से ज्यादा लोग मर चुके हैं.....

हमारे पड़ोसी देश म्यांमार में आयी भयंकर नैसर्गिक आपदा से एक लाख से अधिक लोग मारे गए हैं, तमाम लोग बेघर हो गये है। मैंने कितनी बार चाहा कि कुछ संपर्क ऐसा कर सकूं कि वहां के हालचाल मिलें और कैसे व्यक्तिगत तौर पर राहत पहुंचाने का कार्य किया जा सके लेकिन शायद तमाम NGO अभी ये तमाशा देख रहे हैं कि जब सब सत्यानाश हो जाए तब मदद करी जाए तो नाम ज्यादा होगा। मैं बेबस हूं इस लिये ईश्वर से गुजर गए लोगों की आत्मा की शान्ति की प्रार्थना करता हूं और साथ ही उससे ये भी निवेदन करता हूं कि अगर उसका मनोरंजन पूरा हो गया हो तो ये विनाश लीला रोक दे।

5 comments:

Ankit Mathur said...

डा० साहेब म्यांमार में आई इस भीषण विभीषिका से काफ़ी नुकसान हुआ है और वहां की सैन्य
सरकार ने किसी भी तरह की विदेशी मदद पर
अपना शिकंजा कसा हुआ है। इस वक्त जबकी म्यांमार
की जनता ने विश्व के सामने गुहार लगाई है
कि हमें राहत प्रदान की जाये वहां पर नौसिखिये
राहत कार्यों में लगे हैं। अमेरिका के रक्षा सचिव
राबर्ट गेट्स के अनुसार, उन्होने अपनी नौसेना
और वायुसेना को राहत सामग्री से लैस कर के तैयार करा हुआ है लेकिन वो तब तक म्यांमार में
राहत सामग्री नही पहुंचा सकते जब तक कि
वहां की सरकार उन्हे अनुमति नही दे देती।
अब आप ही बतायें एक तरफ़ ऐसी
प्राकृतिक आपदा और दूसरी तरफ़ लाल फ़ीता शाही।
ईश्वर ही मालिक है.....

यशवंत सिंह yashwant singh said...

ये तहस नहस ही बताता है कि हमारे हाथ में कुछ नहीं। मनुष्य चाहें जितना उछले कूदे, पर उपर वाला जब चाहे सब बिगाड़ दे। सब मिटा दे। यहीं आकर विज्ञान और तरक्की बेबस हो जाते हैं।

मैं मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं ..

Anonymous said...

डॉक्टर साब,
अंकित भाई ने बिलकुल सही कहा है, और वहाँ की सरकार के इस गैरजिम्मेदाराना निर्णय से वहाँ के लोगों को जो कठिनाइयां हो रही हैं वो काफी द्रवित करने वाली है. बहूत सरे देश, और अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी चाहती है की लोगों की तत्काल जरूरतों को पूरा किया जा सके मगर म्यांमार सरकार की निरंकुशता से सभी बेबस हैं. हम तो इश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं की वहाँ के लोगों को शक्ति दे की इस विपत्ति से वो बहार निकल सकें.

VARUN ROY said...

हम वहां की सरकार के इस रवैये की निंदा करते हैं और भगवान् से प्रार्थना करते हैं कि वह अपनी विनाश लीला रोके.
वरुण राय

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

एक बात तो पक्की है कि म्यांमार के लोग हो सकता है भड़ास न देखते हों पर भगवान जरूर देखते होंगे और अपनी प्रार्थनाएं उन तक जरूर पहुंचेंगी क्योंकि हम सब दिल के सच्चे बंदे हैं...