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7.5.08

ब्लॉग पर मेरी पहली रचना

:: सपना :::...

आफ़िस के इक कोने में
पुरानी दराज़ वाली टेबल पर
कुछ धूल भारी फ़ाइलें है
रखा है..computer..
और बैठा है उसके सामने..
एक Clark..
...
अभी-अभी टेबल पर
चपरासी चाय रख गया.
कुर्सी पीछे हल्का
खिसकाकार..
अपने उलझे बालों में
हाथ उलझाकर.
वो बीती बातों में उलझ गया...
.........
.....
एक वक़्त था..
जब वो आशिक़ होने का
दम भरता था..
तब बीवी बस माशुक़ा थी..
फ़िल्मों की कहानियाँ जैसे..
उन पर ही बनती थी..
छोटे छोटे से सपने थे
आँखों में जो पलते थे
एक घर का सपना भी
नाम सोच रखा था
घर का 'आशियाना'
......
किराए का मकान मिला.
उसको अपना तो लिया..
और अपने_पन की निशानियों से,
उसे सज़ा भी लिया..
घर के दरवाज़े पर
वेलकम का स्टिकर
चौख़ट पर पाँव के निशान
एक अदद कलर tv
एक सोफ़ा
फूलदान चीनी मिट्टी का..
कुछ प्लास्टिक के फूल..
जो ख़ूबसूरत से दिखते हैं
ख़ुशबू तो नही..पर टिकटे हैं
ये दीवारे ....जो सख़्त है
ज़िंदगी की तरह...बस..
बरसात मे पानी
रिसता है...
इस किराए के मकान की
दीवारों में..
और आफ़िस के घड़ियो के काँटो में
'आशियाने' का सपना
पिसता है..
..........
...
..........
...
सपनो को
दिल की अलमारी में
बंद कर..
जब लौटा वो
टेबल पर रखी चाय
ठंडी थी...
सपनो की तरह...
चाय पर जमी परत...
सपने ही तो थे..
अंगुली से परत किनारे कर..
एक घुट में पी गया उसे
उस घुट में थे..
ठंडे सपनों के शिकवे..
कुछ ख़ुद से गिले...

.......::::
मस्तो

7 comments:

यशवंत सिंह yashwant singh said...

पहली ही रचना में चौका मारा है। स्वागत है आपका।

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

मस्ते मस्ते मस्ते मस्ते मस्त कलंदर....
मस्तो जी,यशवंत दादा जिसे चौका कह रहे हैं दर असल वो तो शतक बनाने का खाता खुला है इसी तरह ठोके जाइये....
आपका स्वागत है...

Piyush k Mishra said...

bhai masto...
bas itna hi kahunga..kamaal hai tumhaari kalam mein....
bhadaas nikaalte raho
:D :D

अबरार अहमद said...

बहुत खूब। भडास परिवार में आपका स्वागत है। इसी तरह लिखते रहिए।

तसलीम अहमद said...

agaaz hi esa hai to anjaam! jaari rakhiye masto bhai. shubkamnayen.

VARUN ROY said...

सुंदर रचना . साधुवाद.
वरुण राय

Anonymous said...

मस्तो जी,

सुस्वागतम भडास परिवार में,

आते ही कलम कि जुगलबंदी, वाह वाह बेहतरीन.
परन्तु कविताओ के साथ आप अपना भडास भी फ़ोरें.

जय जय भडास