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7.5.08

आप सबकी शुक्रगुजार हूँ

मै कमला भंडारी भड़ास परिवार की शुक्रगुजार हूँ की उन्होंने मुझे किसी काबिल समझा। ख़ास तौर पर रुपेश्जी और यशवंत जी की । जिन्होंने हमेशा ही मेरा हौशला बढाया। लिखना अभी -अभी शुरू किया है। सो लिखाई मै अभी कच्ची हूँ। यशवंत जी आपका भड़ासी भाई लोगों का मिलन वाला आइडिया बढ़िया है इससे विचारो का आदान-प्रदान तो होगा ही साथ ही सबमे नया जोश भी भर जायेगा की भड़ास केवल masheeni यन्त्र पर अपने विचार डालने तक या कमेंट करने - पढने भर तक ही सीमित नही है बल्कि एक परिवार है sayukt परिवार । बस हम सबको एक वादा करना होगा की कुछ मन के मैले -कुचले लोगो के आग लगाने से भी ये परिवार न टूटे।
विज्ञापन के पैसे के बारे मै खुली बात करके तो आपने मन के मैले लोगो के मुह खुलने से पहले ही बंद कर दिए , कमाल है। पैसो की बात सुनते ही उनका उलटी करने को जी मिचला रहा होगा पर अब बेचारे ! न उगलते बन रहा होगा न निगलते । और तबियत ख़राब हो रही होगी सो अलग हा हा हा.................... अब भगवान् से यही प्रार्थना है की --------

जो हम कह रहे है

वो करके दिखादे ।
२९० -२९० मिलकर
९९२२०० बना दे।
पूरी इमानदारी से
सच्चाई दिखा दे
सफेद्पोसो के जो
असल मै दिल के काले है
उनके होश उड़ दे ।

3 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

कमला बहन,जरा ध्यान से देखिये कि हृदयेंद्र भाई अपने आप ही दुःख का फ़ार्म भर कर विकेट हिला रहे हैं और आप हैं कि भड़ास की प्रशंसा करे चली जा रही हैं

KAMLABHANDARI said...

rupeshji ithaas gawaah hai ki hilane waale hilate rah gaye phir bhi pahaar waishe hi hai apni jagha ,sakth , kathor ,dhrud.

VARUN ROY said...

नयी जिम्मेदारी वहन करने और नयी पारी शुरू करने पर बधाई है कमला बहन .
परिवार वाली बात अपने खूब कही . लड़कियां शादी के बाद , अनजान होते हुए भी , जैसे नए परिवेश में सहज ही ढल जाती है वैसे ही भड़ास में नए लोग सहज ही ढल जाते हैं .
वरुण राय