Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

6.5.08

प्यार का नया रंग.............................. !

कुछ दशक पहले एक गीत बड़ा चर्चित हुआ था " मैं तुझसे मिलने आई मन्दिर जाने के बहाने" ये गीत उस समय का है जब प्रेमी और प्रेमिकाए एक दुसरे से मिलने के लिए इसी तरह के बहाने का इस्तेमाल किया करते थे और बड़ी मुश्किल से लोगो से, घरवालो से नज़रे चुरा कर अपने प्यार की दास्तान को लिखते थे अपने प्यार का इज़हार करने के लिए लोग प्रेम पत्रों का ही इस्तेमाल करते थे कुछ इसमे कामयाब होते थे और कुछ को निराशा हाथ लगती थी लेकिन इन सब के बावजूद भी उस प्यार के रंग की बात ही कुछ और थी लेकिन अब ज़माना बदल चुका है अब चाहे प्रेमी हो प्रेमिकाए सब आधुनिकता के रंग में रंग चुके है प्यार के मायने बदल चुके है अब इस नए दौर के प्रेमी प्रेमिका एक दुसरे से मिलने के लिए मन्दिर जाने का बहाना नही करते बल्कि मन्दिर में ही मिलने में ज्यादा विश्वास रखते है इनका मानना है की मन्दिर से बढिया आपको दूसरी कोई जगह नही मिल सकती है क्यों की यह किसी भी प्रकार का खतरा नही है न पुलिस का खतरा , न घरवालो का खतरा , और न ही किसी समाजसेवी संघठन के कर्यकर्तायो का खतरा आप आराम से यहाँ पर अपने प्यार की की नई दास्तान को लिख सकते है शायद यही है आज के इस नए युग का प्यार बस मोबाइल से एस मेस एस कर के टाइम पक्का किया और साहब पहुच गए मन्दिर अब इस से सस्ती जगह कहा मिलेगी बस २० रुपये की एक पूजा की थाली लेनी है, और यही कही अगर दुसरे जगह मिलने को बुलाते तो लंबा खर्चा और दुनिया भर की परेशानी, और खुदा न खास्ता कभी किसी ने देख भी लिया तो कह देंगे मन्दिर दर्शन करने गए थे और इस तरह झंझट से मुक्ति भी मिल जायेगी , मुझे गाव, कसबो का तो नही पता लेकिन महानगरों में तो ये आज का फैशन हो चुका है आप किसी भी मन्दिर में जाकर देखे तो आप ख़ुद समझ जायेंगे ये प्रेमी प्रेमिकाए भगवन के दर्शन कम और एक दुसरे के दर्शन करने ज्यादा आए है मैं ये नही कहता की प्यार करना ग़लत है लेकिन आज के इस नए दौर के प्रेमी प्रेमिका कम से कम इस बात का तो ध्यान रखे,अपने सवेद्नाओ को काबू में रखे वो जिस जगह अपने प्यार की नाव को चला रहे है वो मन्दिर प्रांगन है जहा हर वर्ग का व्यक्ति सरोकार रखता है फिर वो चाहे बुजुर्ग हो बच्चे हो या फिर पुरूष , महिलाये आपके इस कृत्य से जहा आपकी साख पर धब्बा लग रहा है वही उस मन्दिर की लोकप्रियता भी धूमिल हो रही है मेरा तो बस इतना अनुरोध है उन सभी प्रेमी प्रेमिकाओ से की प्यार को नया रंग मत दो क्यों की अभी तो मन्दिर अपने भगवन के नाम से जाना जा रहा है और ये सिलसिला अगर ऐसे ही बद्दस्तूर जारी रहा तो कुछ दिनों बाद मन्दिर अपने भगवन के नाम से नही बल्कि "प्यार का मन्दिर" के नाम से जाना जाएगा और शायद हिंदुस्तान की संस्कृति पर ये सबसे बड़ी चोट होगी !

अक्षत सक्सेना

7 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

अक्षत भाई,हिंदुस्तान की संस्कृति कौवों की चोंच की चोट से नहीं बिगड़ने वाली और फिर हम हैं न हर जगह जय भड़ास करते करते कौवे भगाते रहेंगे...

Anonymous said...

अर्ररे अक्षत भाई बड़े गुस्से में लग रहे हो.
क्या हुआ अगर आपको कोई नहीं मिली तो, अरे भाई करने दो सही जगह है प्यार का मंदिर आपने कह ही दिया है, और प्यार है तो इश्वर है. वैसे आप फिकर मत कीजिए हरे दादा और पंडित जी की कविता बहुतों के दिल के नए अरमान जगाने जा रही है, उनमे तो हम भी हैं आप भी हो लो.
जय जय भडास.

Piyush k Mishra said...

Mandir masjid jalane se to achha hai mandir mein pyaar karna!!
aapki koi premika nahin hai kya ya mandir mein use koi aur bhaa gaya??

yaar saste mein logon ka kaam ban raha hai aur aap hain ki lage apna dharm baghaarne...

kisi ke pyaar karne se aapka dharm kyun bhrasht ho raha hai..meri samajh se pare hai!!

Piyush k Mishra said...
This comment has been removed by the author.
Anonymous said...

kya tha ye...
maine socha kuch funny sa likhne ja rahe ho... lekin kuch aur nikla..
Kya mandir mein GF kisi aur ke saath bhaag gayi thi kya :D

Anonymous said...

I agree with you dear AS. and in ur article I want to add my one more point please. wah yah ki-

''Mandir mein pure kapde pehan kar hi entry milni chaiye, kyonki jo waha puja karne aya hai, uska dhyan bina bat ke dusron ke kapde dekh kar bhatak jata hai''

Mera yeh spl comments girls ke liye hai, jo bina bahon aur sexy kapde pehan kar chal deti hai mandir. Are.. kuch toh lihaj karo manav ka na sahi Bhagwan ka he.

Piyush k Mishra said...

mujhe lagta hai kuchh log to mandir jaate hi yeh dekhne ke liye hain ki kaun bina baanhon ke kapdon mein hai aur kaun sexy kapdon mein!!
bhagwan par dhaayn rahta hi nahin...

koi ladki hai jo comment kare yahan aakar..khaaskar un ladkon ke liye jo mandir mein sirg dhoti pahan kar aa jaate hain??