Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

5.5.08

दोहे पुराने - अंदाज नया

१ बुरा हुआ तो क्या हुआ
जैसे ब्लॉग भड़ास
चाटुकारिता करते नहीं
है आदत इनकी ख़ास ।
२ भड़ास चमचई न करे
भड़ास न चाटे तलवा
इसके एक-एक पोस्ट पर
रोज होए बलवा ।

३ लिखत लिखत भड़ास पर
जड़मत होत सुजान
कुछ दिन की ब्लोगिंग से
जग सारा जाए जान ।

४ भाषा ऐसी पेलिए
बिन बात के पंगा होय
औरन को नंगा करे
ख़ुद भी नंगा होय ।

जय जय भड़ास ।
वरुण राय

3 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

जय हो तुलसीदास जी के नव भड़ासावतार की...

Anonymous said...

वाह वाह,
क्या कविता पेली है. लग रहा है कि पता नहीं किस किस को क्या क्या पेलेंगे.
भैया आपके इस नए दोहावतार को हमारा वंदन है.
जय जय भडास.

राजीव जैन said...

bahut khub