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5.5.08

डॉ रूपेश श्रीवास्तव के आदेश पर स्व-परिचय

डॉक्टर साहेब का आदेश हुआ कि परिचय रूपी पोस्ट डालूं भड़ास पर. परिचय के लायक तो कुछ है नहीं . अदना सा पत्रकार हूँ परन्तु फिलहाल बेकार हूँ (व्यक्तिगत कारणों से ). जिंदगी में बहुत सफल नहीं हो सका क्योंकि किसी का बुरा नही कर सका. भगवान् शिव की नगरी देवघर (झारखण्ड) का रहने वाला हूँ. परन्तु विगत एक साल से दिल्ली में पाया जाता हूँ. एकाध साल और दिल्ली में ही पाया जाऊँगा ऐसी सम्भावना है. गणित से प्रतिष्ठा के साथ स्नातक हूँ . सर्टिफाइड यूनिक्स इंजीनियरिंग का कोर्स कर कई साल दिल्ली में नौकरी की परन्तु नौकरी रास ही नहीं आयी। फ़िर पत्रकार बन गया कि लोगों की आवाज बनूँगा पर यहाँ कि स्थिति देख कर निराशा ही हाथ लगी . वक्त बदलने की आस में अभी तक इससे जुड़ा हुआ हूँ . भड़ास से जुड़ने का एक मात्र कारण था अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता. अब तो इस परिवार का सदस्य बन चुका हूँ. भाई लोगों ने इस काबिल समझा कि भड़ास की कोई जिम्मेदारी उठा सकूँ. नाचीज को इस लायक समझने के लिए भाई लोगों का तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ और वादा करता हूँ कि अपनी समझ(जितनी भी है) और काबिलियत के अनुसार भड़ास के फलसफे को आगे बढ़ाने के लिए सदा तत्पर रहूँगा.
वरुण राय

3 comments:

Anonymous said...

वरुण भाई ढेरक बधाई

अबरार अहमद said...

वरूण भाई नई जिम्मेदारी के लिए आपको ढेर सारी बधाई। इसी तरह सक्रिय भूमिका निभाते हुए भडास को आगे बढाते रहिए।

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

भाई लोग तो फ़िलौसफ़र जैसे हो गएले बाप,कित्ती भैंकर भैंकर बातां कर रएले,खुद को नाचीज-बीचीज बता रएले भिड़ू जैसे बाकी भड़ासी साले भौत बड़ी बड़ी चीजां हैं,भाऊ अपुन सब लोग तो एकदम मेंडी जीरो के माफ़क हैं हर चीज का हिस्सा बन जाते, ये छोटापन इच अपना दौलत है... जास्ती सोचने का नईं...