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12.6.08

आखिर क्यों झुपाते हैं अपनी गलतियां


हम अपनी कमी क्यों छुपाते हैं इसलिए नहीं कि हम कमजोर है इसलिए कि हम दूसरों की नजर में सदैव अच्छे बने रहें। कइ बार तो हम सब कुछ जानते हुए भी इतना अंजान बन जाते है कि मानो जैसे कुछ मालूम ही न हो। ऐसी प्रवृति वाले अपने अंदर खुद छांककर देखे कि वे कितने सही और कितने गलत हैं। हम अपनी गलतियों को इतनी आसानी से छिपाजाते है कि सामने वाले को इसकी भनक नहीं लग पाती है। अब अगर काम के दौरान ही गलतियां हो जाएं तो उसे स्वीकारने से पहले ही हम बचने का रास्ता ढूढ लेते हैं। कितनी बार अपनी गलतियों पर जबरदसती परदा डाल देते हैं। कयोंकि सामने वाले कि नजर में हमें अपनी गलतियों के कारणा लज्जित न होना पड़े। आजकल के युवाओं में इस तरह की प्रवृति ज्यादा बढ़ रही है। वे अनुभनहीन होते हुए भी इतने कंफीडेंस से काम करते हैं कि मानो काफी बड़े जानकार हों। हालांकि उनके कार्यों की समीक्षा उनके सीनियर्स कर लेते हैं कि वे कितने पानी में हैं और चाहकर भी कुछ नहीं बोलते हैं। इस बारे में यह मानना है कि हमें अपनी छोटी छोटी गलितयों को इगनोर न करके उस पर सुधार करना चाहिए।

5 comments:

आलोक सिंह रघुंवंशी said...

बड़े दिन बाद दिखे अमरदीप भाई। सही कहा, आजकल के छोकरे बहुत चालू हो गए हैं। वे जानते हैं कि अपने सीनियरों की किस तरह से फाड़ी जाती है।

Anonymous said...

बड़े भावुक हो गए भाई।

hridayendra said...

kaa raju...ab aisan hoyi....itna tensaniyaao naahi babua...ludhiyana key ka haal ba...tani batawa ..hamhuka...raju...

KAMLABHANDARI said...

हम अपनी कमी क्यों छुपाते हैं इसलिए नहीं कि हम कमजोर है इसलिए कि हम दूसरों की नजर में सदैव अच्छे बने रहें। sahi kaha aapne par ek wajha aur bhi hai jo mujhe sabse aham lagti hai ki aajkal ke log agar galati se bhi aapme koi galati dekh le to til ka taad bana dete hai , sabhi ko bata dete hai aur baar -baar us galti ki yaad dilaakar hume bejat karte hai taaki we khud dusro ki najro me acche ban jaaye aur majaak udate hai .ish wajha se bhi kai log apni galti jaante hue bhi use chhipaane ko majboor ho jaate hai.

Anonymous said...

bahoot khoob. vicharniya hai magar sirf yuvaon ke liye hi nahi apito bujurgon or varishthon ke liye bhi ;-) ye kaam to varishth bhi karte rahte hain. :-P

jay jay bhadaas.