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11.6.08

यशवंत जी ध्यान दीजिये प्रभू...

(क्या शायदा भडास की सदस्य हैं?) "...नहीं मैं भड़ास की सदस्य नहीं हूं। वहां किसी से कोई लेना-देना भी नहीं है, हां जब मेरी पहली पोस्ट आई थी तो उन लोगों ने उठाकर भड़ास में चला दिया था उसे बस इतना ही.. ''Jab maine Shayada se poochhaa ki kyaa vo bhadas kee sadasy hain, to unka jawab thaa।''
(.....येः महान विचार महानता की सीढ़ी पर क़दम रखने से दो कदम दूर किसी इरफान नामके ब्लोग्गर ने अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर रखा है...)

प्रिय यशवंत जी,
पिछले कई दिनों से एक आम प्रवृति भड़ास पर देखी जा रही है...किसी की भी पोस्ट कोई भी ब्लोगर उठाकर भड़ास पर पोस्ट कर देता है..नैतिकता और शराफत का तकाजा यही है की हम सिर्फ़ अपनी पोस्ट और अपने लिखे के जिम्मेदार हैं...अगर इस प्रवृति पर अंकुश नही लगाया गया तोः हर ऐरा गिरा ब्लोगर इन मोहतरमा जैसा बयान देता नजर आएगा...दरअसल कुछ लोग बिना गुना भाग के जीवन जीते हैं और कुछ गुना भाग के जीवन जीते ही नही...येः मोहतरमा और इन जैसे कुछ ब्लोगर भी इसी श्रेणी के है जिनको ब्लॉग जगत के कुछ स्वम्भू आकाओं से बेहद डर लगता है और अपने आकाओं को खुश करने के लिए येः भड़ास को गरियाने से भी नही चूकते....भड़ास या कोई भी समूह ब्लॉग इन जैसों के बिना भी धड़ल्ले से चलते थे और आगे भी चलते रहेंगे...इतना जरूर है अगर इस किस्म की पोस्टों पर सतर्कता बरती जाए तोः बेवजह की बयानबाजी और विवादों से बचा जा सकता है...
जाहिर है येः ब्लोगर भड़ास के ख़िलाफ़ चलाये जा रहे अभियान की सदस्य भर हैं...इस जैसे तमाम ब्लोगर ऐसे हैं जो किसी न किसी किस्म के विवाद खड़ा कर हमारा वक्त बरबाद करते रहेंगे...भविष्य में इस किस्म की घटनाएं न हों इसलिए कोई क़दम इसके संचालक होने के नाते जरूर उठाएं....बाकि येः मोहतरमा और इन जैसे तमाम ब्लोगारों की न तोः इतनी हैसियत है और न ही कद की इनके फालतू पोस्टों को यहाँ जगह दी जाए... हाँ जो भड़ास के सदस्य हैं वे बेहिचक यहाँ लिखे और इस वायदे के साथ की वे परिवार और ब्लॉग समाज के बड़े समूह के एक सदस्य बनकर लिख रहे हैं...यहाँ उन लोगों को भी जगह नही दी जानी चाहिए जिनको किसी दूसरे ब्लॉग संचालक ने दुत्कार दिया तोः यहाँ लिखने लगे और पुचकार दिया तोः वहाँ लिखने लगे...जिनमे भड़ास पर लिखने का, साथ चलने का और असहमतियों के बीच अपनी बात कहने का हौसला होः सिर्फ़ उनका ही स्वागत किया जाना चाहिए...बतौर एक ब्लोगर येः घटना दुखी करती है..ऐसे लिजलिजे और पिल्पिले लोगों (पता नही इनको इंसानों की श्रेणी में रखा जा सकता है ) से किन विचारों और ज्ञान की उम्मीद कोई कर सकता है...भड़ास से कई बातों में घोर असहमति है मेरी लेकिन यहाँ अपने विवेक से लिखता हूँ...पोस्ट छापते समय तोः इन मोहतरमा ने कोई आपत्ति नही की मामला प्रशिद्धि का जो ठहरा...जब पर्याप्त कमेंट मिल गए पोस्ट पर तोः लगी ज्ञान देने...अरे साहब इतना ऐतराज था तोः उसी समय कह दिया होता...''भड़ास से कोई लेना देना नही'' कहने का मतलब यही की या तोः येः इतनी बड़ी विद्वान् हैं की भड़ास इनकी पोस्ट छापकर धन्य हुआ या फिर भड़ास इतना घटिया की उसे अपना उद्धार कराने के लिए इन जैसों की जरूरत है...ऐसे ब्लोगरों को क्या दूर से ही राम-राम नही कर लेना चाहिए...
कहने का मतलब सिर्फ़ इतना की ऐसे मौकापरस्त ब्लोगरों से दूर रहेंगे तोः भड़ास और इसके सहयोगियों के लिए उर्जादायक और बेहतर रहेगा... (उम्मीद है इसे संज्ञान लिया जायेगा...और बिना किसी विवाद के इस मुद्दे का यही समापन हो जायेगा...)
''हृदयेंद्र''