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29.6.08

ताऊ की पाती करुनाकर के नाम

करुणाकर की वजह से दो तीन दिन तैं भडास परिवार मैं , बडा सन्नाटा सा
हो रह्या सै ! और भई क्युं ना होगा ? यो परिवार ही बण्या सै, एक दुसरे के
सुख दुख: बाटनै के लिये । अरे भई , करुणाकर बेटे, चल मेरे यार उठ.. खडया हो ।
तेरे के हो सकै सै ? अरे तेरे लिये, यो तेरे सारे चाचे, ताऊ खडै हो लिये सैं ।
तेरी बात द्विवेदीजी नै सबको बताई । और भाई यशवंतजी खडे हो लिये थारै बापू को
बाइज़्ज़त बाहर ल्यावन खातिर और पं. जगदीशजी त्रिपाठी खडे हो लिये सैं तेरे
लिये भगवान से दुआ मांगण के लिये । बेटे न्युं समझ लिये कि यो पन्डत त्रिपाठी
घण्णा जिद्दी दिखै सै । यो भगवान की भी ऐसी तैसी कर देगा थारी खातर ।
और भाई सबसे बडे अपने डा. रुपेशजी श्रीवास्तव जो साक्षात भगवान धनवन्त्री सैं ।
ये खडै हो लिये, तेरे उपचार की खातर । इब भी तन्नैं कुछ कसर सै के ?
और भाई डागदर साब सही बोल रहे हैं एम्स आला के बारे में । यदि एम्स वालॊं की
चलती तो यो थारे इस ताऊ की ओपन हार्ट सर्जरी आज से २० साल पहले ही
कर चुके होते । और भाई यो बैठया थारा ताऊ जीता जागता आज भी । और केवल बैठया
ही कोनी बल्कि आज भी अच्छे अच्छों की ऐसी तैसी करता है ।
देख बेटे करूणाकर , मन मे काची (कमजोरी) तो तू ल्याना मत । मन नै राख
मजबूत और बाकी तेरे लिये यो पूरा का पूरा भडास परिवार खडया सै । हंस मेरे यार ..।
इब देख भई , तन्नैं हंसी नी आंदी ते यो डाक्दर और ताऊ की बातचीत सुण..
एक बार ताऊ के सर्दी जुकाम हो गया और ताऊ के जेब मे धेला कोडी (रुपिये पैसे)
किम्मै था कोनी । और ताऊ पहुंच लिया एक डाक्दर धोरै .....
ताउ- अरे डाक्दर साब .. म्हारे जुकाम हो राखी सै । कुछ इलाज बताओ ।
डाक्दर-- ताऊ न्युं करिये.. १५ रुपिये का दुध. और उसमै १० रुपिये के छूहारे (खारक)
डालके, सामने वाली चाय की दुकान पै, खूब ओटा के और ऊकडू बैठ कर और फ़ूंक
मार के पी लिये । तेरी जुकाम दूर हो ज्यागी ।
ताऊ-- तो भई ..डाक्दर ल्या २५ रुपिये देदे ।
डाक्दर-- तो ताऊ .. थारे धोरे (पास मे) के सै ?
ताऊ-- अरे डाक्दर साब , म्हारे धोरे तो केवल ऊकडू और फ़ूंक सै ...।
तो देख भाई करुणाकर , खडा हो जा, और हंस मेरे भाइ.. इन विपरीत परिस्थितियों
मे तो कोई महामानव ही हंस सकता है । और ऐसा मोका भी ईश्वर केवल
महा मानवों को ही देता है । और तू महा मानव ही तो है । अगर तू साधारण आदमी
होता तो, ये मोका तुझे थोडे ही मिलता ।
सारे भडासियों की दुआएं तेरे साथ हैं ।

1 comment:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

ताऊ,अबी खाली फोकट जास्ती त्रास लेने का नईं भौत लोक खड़े हो गएले तो प्राबलेम साल्व हो इच जाएंगा भिड़ू......