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12.6.08

अरे का करती हैं ग्वालिनें, अरे का करती हैं ग्वालिनें ?और का करते हैं ग्वाल ?,


मथुरा वृन्दावन बीच डगर मे थई थई खेलें

सांवरेहे थई थई खेलें सांवरेहां

थई थई खेलें सांवरेथई थई खेलें सांवरे,

मथुरा वृन्दावन बीच डगर मे थई थई खेलें सांवरे।

अरे कैसे आवें ग्वालिनें, अरे कैसे आवें ग्वालिनें ?और कैसें आवें ग्वाल ?,

नगर मे थई थई.....मथुरा वृन्दावन बीच डगर मे थई थई खेलें

सांवरेअरे नाचत आवें ग्वालिनें, अरे नाचत आवें ग्वालिनें ?और गावत आवें ग्वाल ?,

नगर मे थई थई.....मथुरा वृन्दावन बीच डगर मे थई थई खेलें सांवरे।

अरे कहां से आवें ग्वालिनें, अरे कहां को जावें ग्वालिनें ?और कहां से आवें ग्वाल ?,

नगर मे थई थई.....मथुरा वृन्दावन बीच डगर मे थई थई खेलें

सांवरेअरे मथुरा से आवें ग्वालिनें, अरे मथुरा से आवें ग्वालिनें ?और गोकुल जावें ग्वाल ?,

नगर मे थई थई.....मथुरा वृन्दावन बीच डगर मे थई थई खेलें सांवरे।

अरे का करती हैं ग्वालिनें, अरे का करती हैं ग्वालिनें ?और का करते हैं ग्वाल ?,

नगर मे थई थई.....मथुरा वृन्दावन बीच डगर मे थई थई खेलें सांवरेअरे

गऊ चरावें ग्वालिनें, अरे गऊ चरावें ग्वालिनें ?और माखन खावें ग्वाल ?,

नगर मे थई थई.....मथुरा वृन्दावन बीच डगर मे थई थई खेलें सांवरे।

2 comments:

डा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedi said...

गुरुजी, साभार तो ठीक है किंतु बता देते कहां से साभार लिया गया है, तो अच्छा होता.
होली के अवसर पर यह मैने अपने ब्लोग पर डाली थी, यह होली गीत है और हमारे गांव ( चन्दर पुर ,जिला आगरा,तहसील बाह) के चौबे लोग गाते हैं.

अरविन्द चतुर्वेदी भारतीयम एवं बृज गोकुलम ब्लोग

डा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedi said...

गुरुजी, साभार तो ठीक है किंतु बता देते कहां से साभार लिया गया है, तो अच्छा होता.
होली के अवसर पर यह मैने अपने ब्लोग पर डाली थी, यह होली गीत है और हमारे गांव ( चन्दर पुर ,जिला आगरा,तहसील बाह) के चौबे लोग गाते हैं.

अरविन्द चतुर्वेदी भारतीयम एवं बृज गोकुलम ब्लोग?