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6.6.08

बीहड़

बीहड़ चंबल और उसकी सहायक नदियों के कटान से बनी ऐसी भूमि जो अपने आश्रितों को हमेशा ही पनाह देता रहा है। उसमें रहने वालों के लिए यह सुखद अनूभूति है तो सभ्य कहे जाने वाले समाज के लिए एक सिहरन पैदा करने का कारक। कारण लगभग 6 लाख एकड़ भूमि पर फैले इस उवर्र मगर बंजर कंदराओं में ऐसी तमाम खोह और ठिकाने हैं जहां से सालों से बागी, दस्यु या फिर इन्हें डकैत कहें अपनी खौफ की दुनिया चलाते रहे हैं। कभी इस दुनिया का चेहरा ऐसा नहीं हुआ करता था। तब अपराध ने संगठित अपराध का ऐसा रूप नहीं लिया था। या कहे तब अपराध एक उद्योग की तरह विकसित नहीं था। फिर क्या था बीहड़ का चेहरा। कैसी रही उसकी दुनिया। बीहड़ क्यों बन गया इतना खौफनाक। जानना चाहते हैं तो रहे मेरे साथ।......लगातार। मैं आपको बताउंगा कि बागी,दस्यु और डकैत कहने और भावार्थ में एक शब्द होते हुए भी असल में कितने अलग हैं। अपने स्वभाव में, अपराध करने के अपने तरीके में, एक बागी एक दस्यू या फिर एक डकैत से कैसे भिन्न है। यह एक शब्द नहीं पूरा कालखंड है। click-http://beehad.blogspot.com

3 comments:

हरिमोहन सिंह said...

क्‍या बीहड से ही हो । देखो भई जानकारी पूरी देना पर डराना मत

Anonymous said...

भाई,

वाह वाह, बीहडाधीश का स्वागत है ओर हम सब तैयार हैं डरने के लिये भी, सो अब जल्दी जल्दी डरा डालिये हमें।

जय जय भडास।

बीहड़ said...

जिनकी शक्लें देखकर लोग डरें उन्हें कौन डराएगा भला