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13.6.08

भड़ास संचालक मंडल भंग, अब संचालन समिति

भड़ास अब जिस ऊंचाई पर है, उसे संचालित करने के लिए एक छोटी, सक्रिय और मजबूत टीम की जरूरत महसूस की जा रही थी। भड़ास संचालक मंडल ने अपनी उपयोगिता अब तक साबित की पर नई स्थितियों में एक ऐसी संचालन समिति की जरूरत महसूस की जा रही थी जो छोटी हो, लगातार सक्रिय हो, लगातार टच में हो और किसी मसले पर तुरंत निर्णय लेने के लिए हर वक्त मौजूद हो। तो इस पैमाने पर खरे तो ढेर सारे लोग उतरे पर उसमें से भी हमें छांटकर एक बेहद छोटी टीम बनानी थी इसलिए चाहते हुए भी हमें कई ऐसे वरिष्ठ और सक्रिय साथियों को टीम में न रख सके जिन्हें हम संचालक मंडल में रखे हुए थे। उम्मीद है, वे कतई बुरा नहीं मानेंगे क्योंकि ये जो कुछ किया जा रहा है, ब्राडर पर्सपेक्टिव में इसके पीछे भड़ास का स्मूथ संचालन है, किन्हीं भी विषम स्थितियों से उबरने और आगे बढ़ने की रणनीति है और साथ में है संचालन करने में स्मूथनेस रखने की आकांक्षा।



अब जो संचालन समिति बनाई गई है, उसमें किसी का कोई पद नहीं है। सभी सिर्फ संचालन समिति के सदस्य हैं। इनकी संख्या 7 है और इनके नाम इस प्रकार हैं...



भड़ास संचालन समितिः हरे प्रकाश उपाध्याय, सुरेश नीरव, डा. रूपेश श्रीवास्तव, यशवंत सिंह, रजनीश के झा, मनीष राज और हृदयेंद्र प्रताप सिंह।



(इनमें से सिर्फ मनीष राज ऐसे हैं जो बहुत दिनों से भड़ास पर कुछ लिख नहीं पा रहे हैं पर उनके बारे में एक जानकारी दे दूं कि वे भड़ास के लिए पूरा वक्त देने के लिए इस समय दिल्ली में ही मौजूद हैं और भड़ास4मीडिया में सक्रिय हैं। उनकी पूरी सक्रियता भड़ास और भड़ास4मीडिया की भावी योजनाओं के लिए है।)



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एक खुशखबरी

अपने भड़ासी साथियों को सूचित करना चाहता हूं कि भड़ास पर लगे विज्ञापनों से मिले पैसे का चेक गूगल ने भेज दिया है और मुझ तक पहुंच भी गया है। यह रकम पांच हजार रुपये से कुछ कम है। इसे भजाने के लिए चेक बैंक में डाल दिया है। आप सबकी पार्टी भड़ास संचालन समिति की तरफ से हरे भइया पर बकाया है:)



अगर कभी दिल्ली आना तो समझो भड़ास की तरफ से अद्धे-पव्वे का इंतजाम पक्का हो गया। अगर ये न लेते हों तो मुसम्मी का जूस तो पिलवा ही दिया जाएगा क्योंकि पांच हजार रुपये में जितने भड़ासी सदस्य हैं, उन्हें एक-एक पव्वा (बिना चिखना के) भी खरीदकर भेंट करेंगे तो वो रकम दिल्ली में दारू के रेट के हिसाब से पहुंचेगी पंद्रह हजार रुपये। इसलिए ज्यादा अच्छा है कि कुछ लोग केवल एक गिलास मुसम्मी के जूस से मान जायें :)





दूसरी सूचना

भड़ास की सदस्य संख्या नित बढ़ रही है। अब भड़ासियों की संख्या हो गई 320। उम्मीद करते हैं कि इस साल के अंत तक यह संख्या 500 के करीब पहुंच जायेगी। ये 320 लोग ऐसे हैं जिनके मोबाइल नंबर, पते और प्रोफाइल भड़ास संचालन समिति के पास उपलब्ध है। मतलब, इनमें अनाम, बेनाम या अनजान टाइप के प्राणी नहीं हैं और हम हमेशा भड़ास पर लोगों को अपनी पहचान के साथ आने के लिए प्रोत्साहित करेंगे क्योंकि दुनिया में कुछ भी नया करने के लिए आपको साहस के साथ, अपनी पहचान के साथ आगे आना ही पड़ेगा, आज नहीं तो कल, भड़ास पर नहीं तो संडास पर ही सही, आपको खुलना तो होगा ही।



अंत में सभी साथियों से विनम्र विनती के साथ कि वे भड़ास पर किसी दूसरे व्यक्ति को काटने, निगेट करने में ऊर्जा लगाने के बजाय अपनी भड़ास निकालने के सार्थक काम करें जिससे आपकी पर्सनाल्टी के दोष दूर हों और आप लीडर की भांति जीवन में आगे बढ़ सकें।



फिलहाल इतना ही, उम्मीद है आप का प्यार और विश्वास हम लोगों पर यूं ही बना रहेगा और दिन ब दिन बढ़ता रहेगा।



जय भड़ास

यशवंत

2 comments:

shashi said...

suresh neerav ji ke nam ke aage pandit jaroor likha karo varana bhitar jaoge.
shashibhuddin thanedar

Anonymous said...

dadda,

hum to apne sabhi bhadaasi saathiyon ko musammi ka ras pilane walon men se hain, chaliye ek davedaar kam ho gaya. bas bhadaas jindaabad or bhadaasi jindaabad. to bhaaiyon jam ke musammi pine ki liye hare dada or yashvant dada ko pakdo, ;- magar paisai khud dena...

jai jai bhadas