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16.6.08

मीडिया जगत ने मुख्यमंत्री का किया पूर्ण बहिष्कार

विगत दिवस मध्यप्रदेश के सतना जिले में एक हत्या का कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों को अपनी नाकामी छिपाने की गरज से पुलिस ने न सिर्फ गाली गलौज की बल्कि डंडे भी बरसाए. जब इसकी शिकायत दर्ज कराने मीडिया कर्मी थाने पहुंचे तो सीएसपी ने कहा यह कोई संज्ञेय अपराध नहीं है. इस मामले से नाराज जिले के सभी प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया कर्मियों ने दोषी टीआई के निलंबन व जिले से बाहर भेजने की मांग की. तथा चेतावनी दी की मांग पूरी नहीं होती है तो जिले का पूरा मीडिया जगत सरकारी व सत्तासीन दल की खबरों का बहिष्कार करेगा तथा यहां आ रहे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का भी बहिष्कार करेगा. शुरुआती दौर में प्रशासन इसे सामान्य तौर पर लिया. लेकिन जिस दिन सीएम को आना था उस दिन मीडिया कर्मियों के रवैये से परेशान होकर प्रशासन व पुलिस ने बीच के रास्ते तलाशने शुरू किये. लेकिन मीडिया के पक्ष में बात न बनते देख बहिष्कार जारी रहा और स्थिति यह रही कि उस दिन प्रदेश के मुखिया को जिले सहित संभाग के किसी भी प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया मे कोई जगह नहीं मिली. तब जाकर सभी की आंखे खुली, चर्चा का दौर चला और उसके तीन दिन बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया जगत से अलग से मुलाकात कर मामले को समझा और मान सम्मान की रक्षा का आश्वासन देकर चले गए. दूसरी ओर स्थानीय सत्ता पक्ष व संघ तथा उनके समर्थित दल बैक डोर से पुलिस के उस टीआई के बचाव में लगे है. इसकी पराकाष्ठा तो तब हो गई जब इस मामले में एक गाय को निशान बनाया गया. गाय को काट कर हंगामा मचाया गया. पुलिस चार घंटे तक कोई कार्रवाई नहीं की. बजरंग दल वालों के आने के बाद उन्हे उकसा कर उस टीआई के पक्ष में नारे लगवाए गये. फिर उस लाइन हाजिर हो चुके टीआई को शान से स्कूटर में घटना स्थल पर लाया गया. बजरंगियों ने उनके चरण छुए. उस टीआई ने हाथ उठाकर सबको जलवे दार अभिवादन से नवाजा. और कुछ ही घंटे में आरोपी पकड़े गए. यह पूरा घटनाक्रम सुनियोजित ढंग से चला. चर्चा तो यह भी है कि गाय की हत्या में खुद पुलिस की साजिश है. अभी भी एक सप्ताह बीतने के बाद मीडिया का सरकारी, भाजपा का बहिष्कार जारी है.
शेष सभी मीडिया जगत से सहयोग की अपील - वे यथोचित ढंग से सतना मीडिया का सहयोग कर हौसला आफजाई करें. हो सके तो इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहुंचा सकते हैं.

3 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

रमा भाई,ऐसे हरामियों का ऐसे ही बहिष्कार कर देना चाहिये। आप सतना में किधर रहते हैं और क्या करते हैं किस संस्थान से जुड़े हैं?सतना आने पर मिलूंगा.......

उमेश कुमार said...

रमाशंकर जी आप लोग इसी तरह वहिष्कार जारी रखे साथ मे ध्यान रखे की कोई आपके बीच का साथी हरामी न हो जाय ।सम्मान के साथ झन्डा उठायं रखे।
दूसरी बात यह है की मुझे लगता है आप "लाल सलाम " वाले ब्लागर है लेकिन आप वहां से गायब है। \
www.cgno.net

Anonymous said...

इंकलाबी भाइयों,
जारी रखो अपना विरोध, इन ससुरों की कुम्भकर्नी निंद्रा जब टुटती है तभी ससुरों को पता चलता है। नही तो ये सोते हुए बकासुर बने रहते हैं।
जय जय भडास