Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

30.6.08

ढेंचू-ढेंचू प्रणाम।

पं. सुरेश नीरवजी

उल्लू की बातचीत और गधे का गुस्सा ..गजल की शक्ल में यकीनन गधों को पसंद आएगा क्योंकि मुझे तक पसंद आ गया हैं। आपको मेरे ढेंचू-ढेंचू प्रणाम।

अरविंद पथिक

1 comment:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

प्रभु,भड़ास चिड़ियाघर बन गया है ....