Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

3.6.08

अविनाश जी हमें माफ करें, हम पर रहम करें, हम हार गए क्योंकि हम बुरे लोग हैं, हम अब नहीं लड़ेंगे

पिछले कुछ दिनों से चल रहे ब्लागिंग के विवाद को मैं अपनी तरफ से खत्म करने का ऐलान करता हूं। हालांकि मुझे पता है कि कुछ लोग अब भी फर्जी नाम से फर्जी ब्लाग बनाकर भड़ास संचालक मंडल के साथियों के बारे में लगातार गलत बातें लिख रहे हैं। बावजूद इसके, हम लोग अपनी ओर से इस पूरे प्रकरण को बिना शर्त खत्म करते हैं और इस मुहिम को वापस लेते हैं।

यह सब करने के पीछे बस एक सोच है। अगले तीन महीनों तक हम किसी विवाद या झमेले में नहीं पड़ना चाहते। अगर कोई विवाद पैदा करने के लिए हम लोगों को किसी भी तरह उकसाता है तो हम रिएक्शन मे कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।

अभी हम लोगों की प्रियारिटी में भड़ास की सफलता से रिएक्शन में जाकर पगलाया हुआ कोई व्यक्ति नहीं होना चाहिए बल्कि अपने काम और अपने मिशन होने चाहिए। अगर हम अपने काम और अपने मिशन में सफल हो जाते हैं तो उसके बाद हम चाहे जो पहल करें।

मैं ये बयान हरे प्रकाश जी और डा. रूपेश की सहमति के बगैर लिख रहा हूं इसलिए हो सकता है कि आप दोनों मेरे स्टैंड से असहमत हों। अगर आप लोगों की असहमति है तो आप दोनों जो निर्देश दें, वो मैं पालन करने के लिए तैयार हूं। पर जो बातें मैंने उपर लिखी हैं वो काफी सोच-समझकर और दूरगामी हितों को लेकर लिखी हैं। उम्मीद है, आप लोग मेरी मनःस्थिति को समझेंगे।

बाकी, चीजें जहां तक पहुंचा दी गई हैं, उसमें अभी करने के लिए बस दो ही रास्ते हैं। या तो परेशान करने वाले की सड़क पर पिटाई करें या फिर उसे कुछ भी करने-लिखने-कहने के लिए खुला छोड़ दें। मैं दूसरे विकल्प को चुन रहा हूं।

वो फर्जी ब्लाग पर भड़ास संचालक मंडल के सदस्यों के बारे में चाहे जो लिखे, हम उस पर कोई एतराज या आपत्ति नहीं जतायेंगे, हम उस पर किसी हालत में रिएक्ट नहीं होंगे, हम उसे कतई नहीं पढ़ेंगे। दुनिया उसे पढ़कर हम लोगों के बारे में चाहे जो धारणा बनाए, बनाती रहे क्योंकि हम लोगों ने अपने जीवन में अभी तक अगर लोगों की राय की परवाह नहीं की है तो अब क्यूं करने लगे। जो लोग लोगों की राय से संचालित होते हैं, वो जीवन में कुछ नहीं कर पाते।

और सबसे बड़ी बात कि हम लोग तो खुद ही कहते हैं कि हम बेहद बुरे और शैतान टाइप लोग हैं। अगर कोई भाई लिख लिख कर हम लोगों को शैतान और बुरा साबित करने पर तुला हुआ है तो दरअसल वो हम लोगों का ही काम कर रहा है। मैं जानता हूं कि आज के दौर का कोई हीरो नहीं है। जितनी भी हीरोइक छवियां हैं, सब निगेटिव हैं। चलो, पाजिटिव नहीं, निगेटिव छवि वाले हीरो तो हैं हम भड़ासी।

मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी बातों को भड़ास संचालक मंडल के साथी और भड़ास के पाठक सही अर्थों में समझेंगे।

एक बार फिर....

हम भड़ास के लोग अपनी तरफ से किसी के भी खिलाफ नहीं हैं और हम कोई अभियान नहीं चलाने जा रहे। हम अपने को हारा हुआ मान रहे हैं और सामने वालों को जीतने का सुख देना चाह रहे हैं। आप जीत गए, हम हार गए। आप जीतने की खुशी मे हम हारे हुए लोगों के बारे में अनाश शनाप लिखना जारी रखें।

अंत में चार लाइनें, अपने प्रिय कवियों में से एक जेपी नारायण की

हारे हुए हम, जीते हुए तुम
हारे हुए लोगों के सहारे हुए हम
राजा हुए तुम, बाबू हुए तुम
अपनी ज़िंदगी के बेचारे हुए हम

जय भड़ास
यशवंत

2 comments:

शशिश्रीकान्‍त अवस्‍थी said...

यशवंत भाई आपका निर्णय बिलकुल सही है और सही समय पर आया है । भडासी रचनात्‍मकता के स्‍थान पर आक्रमता की ओर बढ रहे थे । आप ने अपने आप को हारा हुआ बता कर उनके सारे रास्‍ते ही बन्‍द कर दियें । और कोई बु्द्धिजीवी ही ऐसा विचार कर सकता है । एक बार भडास ने कुछ न करते हुयें भी तथाकथित लोगों को अपने स्‍टाइल में पटखनी दी है ।

Unknown said...

Yaswantjee aap achhe aadmi hain parantu Abinaas ke saath bibad samajh me nahi aaya.