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11.6.08

आलोक मेहता की खबर सच है, वे नई दुनिया में प्रधान संपादक बने

सभी पत्रकार और गैर पत्रकार बंधु भ्रमित न हों...
आलोक मेहता नई दुनिया के प्रधान संपादक नियुक्त किए जा चुके हैं, इसकी पुष्टि नई दुनिया की वेबसाइट के ६ जून के अंक को देखकर की जा सकती है.

नई दुनिया दिल्ली के बाजार में शानदार तरीके से पदार्पण करने वाला है जिसकी कमान अलोक जी जैसे अनुभवी हाथों में देने के मकसद से ये फ़ैसला किया गया है. हिन्दी पत्रकारों के लिए अवसरों का एक और मौका आ गया है. नई दुनिया.

नई दुनिया सूत्रों के मुताबिक १५ अगस्त तक दिल्ली में अखबार लॉन्च करना कंपनी का मकसद है.

दूसरी बड़ी ख़बर यह की...देश के दिग्गज और तेज तर्रार राजनैतिक पत्रकार आज समाज के स्थानीय सम्पादक प्रदीप सिंह आउटलुक के नए सम्पादक नियुक्त हो सकते हैं. आज समाज प्रबंधन को उन्होने नोटिस भी दे दिया है. पुख्ता खबरें हैं की प्रदीप जी आउटलुक या अपने स्तर के किसी बड़े मीडिया संस्थान में भारी भरकम पोस्ट और पैकेज पर ज्वाइन कर सकते हैं.

प्रदीप जी इससे पहले भी आउटलुक के राजनैतिक रिपोर्टर रह चुके हैं. बेहद विनम्र और देश के कुछ गिने चुने योग्य पत्रकारों में शामिल प्रदीप जी कोहर मीडिया संस्थान अपने साथ जोड़कर गौरवान्वित होना चाहेगा. इस ख़बर की आधिकारिक पुष्टि तो प्रदीप जी ही कर सकते है लेकिन जैसा की उनकी शागिर्दी में ख़बरों को निकालने की कला मैंने सीखी है, उसके मुताबिक आप सबको थोड़ा इन्तजार भर करना है.

फिलहाल प्रदीप जी की बेहतरी, सफलता और तरक्की के लिए विनम्र बधाइयां...

तीसरी ख़बर...यह की एक साल पहले शुरू हुए दिल्ली के अपने अखबार आज समाज की हालत देश की अर्थव्यवस्था की तरह सुधरने का नाम ही नही ले रही है. संस्थान से लोग लगातार नौकरी छोड़कर जा रहे हैं और प्रबंधन उन्हे रोक पाने में असफल रहा है. हर माह तीन या चार लोगों का संस्थान छोड़ना बहुत कुछ कहता है.वीरेंदर मिश्रा, पंकज सिंह, मनोज सिंह और प्रदीप जी जैसे तेवर वाले लोगों की मौजूदगी के बावजूद अखबार का इस तरह फ्लॉप होना, सभी के लिए चिंता का सबब बना हुआ है...
हृदयेंद्र प्रताप सिंह

1 comment:

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