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5.6.08

ब्लोगर साथियों को राम-राम....

अरे ब्लोगर साथियों को राम-राम..कैसे हो ब्लोगर साथियों....बड़े बड़े लोग ब्लॉग पर आजकल आ रहे हैं भैय्या...अपना आलोक आजकल महंगाई के पीछे हाथ धोकर पड़ गया है...उधर पंजाब दा पुत्तर और अपने टशनी क्राइम रिपोर्टर तरसेम पाजी भी भड़ास पर आ रहे हैं...कभी कुछ लिख देते हैं तोः कभी कुछ...लेकिन इनका आना हम सबके लिए अच्छा ही होगा....
इधर अपुन भी अपने देश गया था....माने अपने घर....बड़े दिन बाद...जाहिर है अभी मजे की खुमारी में है अपुन...उधर ब्लोगिंग का ''काला सूअर'' भी अपने कूड़े के ढेर में घुस गया है...माने हर तरफ़ अमन, चैन और चकाचक माहौल...यही है सही....अपुन के मिजाज के माफिक लोगों के लिए....और यार अमरदीप, आलोक, तरसेम पाजी अमा आप लोग भी कुछ लिखा करो...लगता है जिंदा हो... आज के लिए इतना ही और जिसने रेस न देखी हो तोः जाओ भैय्या और देखकर आओ...और फ्रेश हो जाओ...बाकि नीरव जी जैसे ''मनचले'' जब तक अपनी मनचली कविता सबको सुनाते रहेंगे फ़िर तोः भैय्या हर ब्लोगर मनचला, दिलजला, जलजला और न जाने क्या-क्या होगा....बाकी जितने ''जले'' शेष हैं उनके बारे में नीरव जी बता ही देंगे...(नीरव जी आपकी कविता पर तोः सब आनंद लेते हैं जरा हमारे लिखे पर भी लोगों को आनंद लेने दीजिये)
बाकी साथियों मस्त रहने का, व्यस्त रहने का....यही जीवन का मंत्र है...
आपका
''हृदयेंद्र''

2 comments:

Anonymous said...

भैये,

राम राम श्याम श्याम हरि हरि ओर जो बचा है सब कुछ। चलिये अब वापस शुरु हो जाइये ठोकने में।

जय जय भडास

आलोक सिंह रघुंवंशी said...

राम राम ठाकुर। इस तरह आप हमें मोटिवेट करते हैं. तो अच्छा लगता हैं।