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9.6.08

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सैंया मोर मिला हल्का भगवन कसम

सैंया मोर मिला हल्का भगवान कसम,
न चले वो चेनाल्का भगवान् कसम,
मछरी मुर्गा ऊ कबहु न खावे
दूध दही घी त मानहु न भावे ,
चाटे चटनी ऊ गलका भगवान कसम १
बड़े जतन से जन उके जगाई,
ऊ दिखाई दिए गलवा से लड़ाई,
बतिया तल दिए गलका भगवान् कसम, २
बीती जाए रे हमरी जवानिया
सुखा जाए रे देहिया के पनिया
जोवान्वा जाए रे ढलका भगवान् कसम ३
लागल्वे बनी हा त आसरा
बतिया भुजे ला सिर्फ़ दिवासरा
कहियो दहन होई होलिका भगवान् कसम ४
सैंया मोर मिला हल्का भगवन कसम,
न चले वो चेनाल्का भगवान् कसम,

अगर इस गाने को पुरा सुनना हो टू इस लिंक पर क्लिक्क करे सुने --

http://bhojpurimp3.blogspot.com

धन्यवाद
अखिलेश
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(अखिलेश जी, भड़ास पे डाल तो दिया पर मुझे कुछ शब्दों के अर्थ समझ में नहीं आ रहे और कुछ गलत थे तो उन्हें बदल दिया। जैसे छाटी की जगह हमने चाटी किया। मतलब चटनी चाटना न कि छाटना। इसी तरह चेनाल्क का मतलब क्या है, ये समझ में नहीं आ रहा। हालांकि ये सही है कि मैंने इस गाने को अभी सुना नहीं है वरना मेरी समस्या हल हो गई होती.....धन्यवाद....यशवंत)

1 comment:

Anonymous said...

दद्दा,

मतलब समझ में आये या ना आये मगर सच है ऐसा सैंया तो किसी को ना चाहीये।
"सैंया मोर मिला हल्का भगवान कसम,"
भैये भारी वले भि आज कल हल्के हो रहे हैं ;-) अब अदनान को ही लिजिये, सो भारी हम्म, चलिये ढ़ुढ़ेंगे।

जय जय भडास