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1.7.08

मैं डा.रूपेश श्रीवास्तव करुणाकर के उपचार हेतु आपके आगे झोली फैला रहा हूं

कभी भी उपचार के लिये औषधियों का खर्च तो मांग नही सका, परामर्श शुल्क का तो सवाल ही पैदा नही हुआ और मेरी इसी फ़ितरत ने मुझे डा.रूपेश श्रीवास्तव बनाए रखा है। जिस दिन मैं आपके धन से रोटी खाने लगूंगा मुझे यकीन है कि मेरे हाथों का चिकित्सकीय गुण विदा हो जाएगा। जो मुझे निजी तौर पर जानते हैं वे मेरी इस बात से परिचित हैं। आज मैं हाथ जोड़ कर विनयपूर्वक उन लोगो से सहायता मांग रहा हूं जिन्हें मैंने मुंबई में अभय तिवारी भाईसाहब के घर पर देखा और जाना है, इनमें श्री प्रमोद सिंह जी, बोधि(सत्त्व)भइया , श्री उदय यादव जी, और श्री अनिल रघुराज जी; दूसरे दिन श्री हर्षवर्धन त्रिपाठी और श्री शशी सिंह से मिला था। आप सब में एक बात सर्वनिष्ठ है कि आप सब भावुक हैं दूसरों की पीड़ाओं को भली प्रकार समझ पाते हैं। आज मैं बिना किसी भूमिका के आप सभी से करुणाकर की बीमारी के इलाज के लिये यथासंभव अधिकतम आर्थिक सहायता की आशा कर रहा हूं ये धन आप सीधे ही उसके बैंक एकाउंट (Karunakar Mishra ,State Bank of India ,AC No. 30037096026) में जमा कर सकते हैं। जैसा कि आप सब जानते हैं कि वो बच्चा फ़ेफ़ड़ों के कैंसर की असाध्य स्थिति में पहुंच चुका है। एम्स के महान डाक्टरों ने उसे मात्र छह माह का जीवन है कह कर घर भेज दिया है लेकिन जब ऐसी परिस्थिति में कि रोगी गतायु हो तब कहा जाता है कि वैद्य अपने मान की रक्षा के लिये इस तरह के रोगियों का उपचार न करें किन्तु मैंने कभी इस नियम को अपने ऊपर लागू नही होने दिया और एक बार फिर से मैं इस नियम का उल्लंघन कर रहा हूं आप सब के सामने, जब कि सब जानते हैं कि करुणाकर की हालत कैसी है। मुझे भरोसा रहता है कि यदि मिल कर दुआ करें तो गतायु रोगी की भी प्राणरक्षा हो जाती है। मुझे जिन महानुभावों से आशा है कि वे मुझे इस कार्य की सफलता के लिये सहायता करेंगे वे हैं-- श्री अनिल रघुराज जी,श्री अभय तिवारी जी, श्री उदय यादव जी, श्री अजय ब्रह्मात्मज जी, श्री हर्षवर्धन त्रिपाठी जी, श्री शशी सिंह, श्री बोधिसत्त्व, श्री प्रमोद सिंह, श्री गुरुदत्त तिवारी, श्रीमती मुनव्वर सुल्ताना और सबसे अंत में मनीषा दीदी से भी आशा कर रहा हूं जो कि स्वयं भिक्षा पर ही जीवन यापन करती हैं(सहर्ष राजी हो गयीं हैं)। ज्यादा लिख नहीं पा रहा हूं दवाएं कूटने पीसने में लगा हूं क्योंकि कल या परसों करुणाकर आने वाला है। फिर करबद्ध प्रार्थना है कि सहायता शीघ्र करें विलंब से सब व्यर्थ होगा, हो सकता है कि आप कागज के रुपयों से किसी की जान बचा सकें..........

1 comment:

amit dwivedi said...

rupesh jee aap se baat karna hai ek baar address wagairah lena hai isliye baat karnaa chahtaa hoon waise kal ja raha hai karunakar.