Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

14.9.08

हिन्दी दिवस

आज 14 सितम्बर है । हिन्दी दिवस । हिन्दी से जीने वाले इसे मनाने का रस्म पुरा करते हैं। जैसे की हिन्दी का जनाजा निकलने ही वाला है तो चलो अन्तिम वेला में इसका कुछ कुछ जयगान कर लें।
लेकिन मैं तो जनता हूँ की हमारी हिन्दी अब दौर रही है । किसी के सहारे नहीं बल्कि अपने बदौलत । बाज़ार इसके पीछे भाग रहा है। 60 कड़ोर मध्यम वर्ग के बीच अपनी जगह बनने की लिए ग्लोबल कंपनी हिन्दी में लटक रही है की मेरे भी सुन लो। तो भाई भड़ासियों क्या आप सोचते हैं की अपनी हिन्दी की जन्मदिवस की तरह मनाने से ही इसका प्रसार होगा या उन नौकरशाहों के दिमाग में इस बात को ठोककर घुसाने से की वे क्यों नहीं सभी काम काज को हिन्दीं में करने की प्राथमिकता देते हैं । हिन्दी का सर्व प्रसार तभी होगा जब हम सभी यह प्राण लें की आज से सब कम काज हिन्दी में दूसरा कुछ भी नहीं।
हम जर्मनी फ्रांस जापान चीन आदि देशों से सीख सकते हैं की बिना इंग्लिश को गले लगाये कैसे विकसित बने हैं। तो हम कब होंगे कामयाब ।
चलो प्रण लेते हैं की ...................
रेल फॉर्म रिज़र्वेशन हिन्दी में भरना है ।
बैंक से निकासी या जमा फॉर्म हिन्दी में भरना है।
मेट्रो शहर में रहने वाले लोगों आपको हिन्दी में बात करनी है
और सारे वादे करने की जिम्मेदारी भड़ासियों पर ...........

3 comments:

Alok Todani said...

हिन्दी का विकास किस तरह से हो इसके लिए आजकल बहुत सारे अव्यवहारिक तथा असंभव से समाधान सुझाये जाते है . हिन्दी का विकास भाषा को थोप कर नही बल्कि इसको प्रासंगिक बना कर किए जाने की आवश्यकता है . सबसे पहले सरकार को न केवल हिन्दी बल्कि अन्य भारतीय भाषा में तैयार किए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष करो की रिटर्न जैसे रिटर्न , वेट रिटर्न , सर्विस टैक्स रिटर्न इत्यादी फाइल करने पर प्रोत्साहन स्वरुप टैक्स में कमी या छूट देनी चाहिए जिससे व्यापारी वर्ग ज्यादा से ज्यादा आकर्षित होगा . इसके अलावा ऐसे सॉफ्टवेर तैयार किए जाए जो विभिन् भारतीय भाषाओ में फाइल की गई रिटर्न का किसी भी भाषा से किसी भी भाषा में अनुवाद कर सके. इससे विभिन् राज्यों की भाषाओ का संमवय बना रहेगा .

सचिन मिश्रा said...

हिंदी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.

Anonymous said...

मित्र,
कोई किसी के सहारे आगे नहीं बढ़ता, और ये ही हिन्दी भी चरितार्थ करेगी,
हमारी हिन्दी को सहारे कि जरुरत नहीं मगर हाँ लोगों को अपनी मातृभाषा को आत्मसात करने कि जरुरत.
हिंदी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.
जय जय भड़ास