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5.9.08

आन्दोलन की राह पर भावी पत्रकार



-पाँच सालों में नहीं बन पाया विभाग
- छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़
- मोटी फीस के बदले मिल रही केवा कागजी डिग्री
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आन्दोलन की राह पर छात्र

आज ग्वालियर पहुंचा हूँ. जीवाजी वि वि से पत्रकारिता के कुछ छात्रों से बात हुई . जब विवि परिसर पहुंचा तो पता चला यहाँ गत पञ्च दिनों से देश के भावी पत्रकार अपनी कुछ मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं .
छात्र - छात्राओं से बात कर के पता चला की उन्होंने जिस लुभावने विज्ञापन के आधार पर पत्रकारिता पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था उस में से फीस लेने के आलावा विवि किसी अन्य कसौटी पर खरा नहीं उतरा है .
पत्रकार छात्र साथियों का कहना है की विवि में पत्रकारिता विभाग ही नहीं है . अस्थाई तौर पर जिन्हें विभाग का प्रभारी बनाया गया है वो आज तक विधार्थियों से रूबरू ही नहीं हुए हैं . पूरा विभाग अतिथि प्राध्यापकों के भरोसे पर चल रहा है. विद्यार्थियों के लिये न तो प्लेसमेंट सेल है और न ही प्रेक्टिकल की सुविधा . उल्लेखनीय है की विवि में गत पञ्च वद्शों से पत्रकारिता पाठ्यक्रम चल रहा है ,लेकिन अभी तक न तो विभाग है और न एक भी प्राध्यापक . आन्दोलन पर बैठे २ दर्जन से अधिक छात्रों का कहना है की फीस लेकर कागजी डिग्री देकर हमें विवि से रवाना कर दिया जाता है । कुलपति के नाम सौपे ज्ञापन में छात्रों ने कहा है कि हमें न तो ज़रूरी किताबें उपलब्ध कराइ जा रही हैं और न ही अन्य सुविधाएँ अन्य. मांगों के आलावा छात्रों ने अतिथि प्राध्यापकों के चयन प्रक्रिया पर भी प्रश्न चिह्न लगाया है और कुछ मांगों को पूरा करने कि बात कही है .
छात्रों कि प्रमुख मांगें -
१-पत्रकारिता का एक अलग विभाग बनाया जाए
-विभाग में प्लेसमेंट सेल बनाई जाए
-विभाग में स्थाई प्राध्यापकों की नियुक्ति की जाए
-हमें ज़रूरी उपकरण और संसाधन मिलें
- अनुभवी और योग्य प्राध्यापकों की नियुक्ति हो

1 comment:

उमेश कुमार said...

भाईयो बहुत से ठग अभी रास्ते मे आप लोगो का इन्तजार कर रहे है। कुछ पत्रकारिता जगत के मठाधीस भी इस जमात मे शामिल है।
शेष फ़िर कभी.....
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