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12.9.08

हिन्दी भारत की प्राण है

हिन्दी दिवस पर विशेष....

जन जन जब अपनाए हिन्दी।

नव जीवन तब पाये हिन्दी॥

अंग्रेजी की छोड़ गुलामी भारत माता की संतान

अपनी भाषा ही अपनायें

यही बढ़ायेगी सम्मान

किंबहुना परिलक्षित है यह

राष्ट्रीय एकता लाये हिन्दी ॥जन जन...॥

अंग्रेजों को मार भगाया

अब अंग्रेजी मार भगायें

राष्ट्र देवता के चरणों में

नित प्रति हिन्दी सुमन चढ़ायें

अंग्रेजी वर्चस्व मिटायें

अब ना ठोकर खाये हिन्दी ॥जन जन....॥

यह कैसी बन गई समस्या

कैसी दुख पूर्ण घड़ी आई

इसको हम कहते हैं माता

अपने ही घर मृत पाई

आऒ मां के आंसू पोछें

अब ना अश्रु बहाये हिन्दी ॥जन जन.....॥

इकसठ साल हो गये अब तो

हे सरकारी तंत्र चेत जा

हिन्दी भाषा को महत्व देकर

हे सरकारी मन्त्र चेत जा

सभी काम हिन्दी में हों

हिन्दी दिवस मनाये हिन्दी ॥जन जन......॥

हिन्दी दिवस तभी हो सार्थक

जब हिन्दी अपनायें हम

हिन्दी के ही लिये जियें और

हिन्दी हित मर जायें हम

नब्बे प्रतिशत हिन्दी भाषी

फिर भी क्यों सरमायें हिन्दी ॥जन जन.....॥

हिन्दुस्तान में हिन्दी दिवस

यह हिन्दी का अपमान है

भारत हिन्दी है हिन्दी भारत है

हिन्दी भारत की प्राण है

हम भारत के प्राण बचायें

रग-रग में बस जाये हिन्दी ॥जन जन....॥

डॉ० भानु प्रताप सिंह, आगरा

1 comment:

Anonymous said...

जय हिंदी
जय जय हिंदी
जय हिंदी
जय जय हिंदी
जय हिंदी
जय जय हिंदी
जय जय भड़ास