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23.9.08

ऐसे लोगों को सलाम !!

सवेरे-सवेरे ही देखा कि बिहार के बाड़ पीड़ित इलाके में काम कर रहे डॉक्टरों की टीम में से एक डाक्टर की मौत अचानक ही हो गयी,मगर उन विपरीत परिस्थितियों में भी बचे डाक्टरों ने वहां से वापस आने बजाय अब वहीं रहकर काम करने का फैसला किया है,यही उनके अनुसार मृतक डाक्टर को उनकी भावभीनी श्रद्दांजलि होगी !! यह पढ़ते ही आँखें नम हों आयीं,और मन-ही-मन में उनको सैल्यूट को हाथ जैसे माथे पर जा लगे !!
आज,जबकि हर ओर पैसे के लिए मारा-मारी,हर ओर प्रतिस्पर्धा के पीछे भागा-भागी,तथा जीवन जीने के तमाम साधनों को पाने के लिए हर प्रकार की लम्पटता को,हर प्रकार के स्वार्थ को अपनाना एक अनिवार्य घटना मान लिया गया है,वहां ऐसे लोगों के इस स्तुत्य जज्बे को सलाम ही किया जा सकता है!!हमारे आस-पास तो घटनाएं बहुत घटती रहती हैं,लेकिन लगभग सारी ही घटनाएं सिर्फ़ व् सिर्फ़ अपने बेतरह एवं अनंत स्वार्थ से अभिप्रेत होती हैं,या स्वजनों की सहायता हेतु किए गए कार्य-मात्र होते
हैं ,यहाँ तक की लोग तो अपने रिश्तेदारो को सहयोग करते हुए भी उनपर अपने अहसान का इतना ज्यादा लाड देते हैं की बेचारे रिश्तेदार उस अहसान के बोझ टेल घुट कर मर जाएँ !!और यह सबको मान्य भी है !!इसे बिना स्वार्थ के किया जाने वाला किसी का कोई भी कार्य मानो एक ईश्वरीय घटना ही प्रतीत होता है !!
शायद देश के सुपुत्र इन्ही लोगों को कहा जाता है,यही वो प्रेरणाएं हैं,जिनसे मानव की सेवा की सीख ली जा सकती है,अगरचे कोई सीख लेने को हम तैयार हों !!क्या हमारी युवा पीढी की आंखों में अपने देश के लिए भी कुछ सपने बचे हुए है??यदि रत्ती भर भी इसका जवाब हाँ में है,तो यह भी सच है की भारत के भविष्य की तस्वीर कुछ बेहतर है,वरना कुछ गिने-चुने लोगों ने तो इसे बेच ही डाला है !!

3 comments:

संगीता पुरी said...

के कर्तब्यपालन की भावना बहुत कुछ सोंचने को मजबूर करती है। वास्तव में इनकी जरूरत आज ज्यादा है , पर ये हैं कम।

Smart Indian said...

बहुत प्रेरक पोस्ट, धन्यवाद!

Anonymous said...

भूतनाथ जी,
धन्यवाद,
भड़ास परिवार दिवंगत डॉक्टर को श्रधांजलि देता है, और मानवता के लिए लगे डॉक्टरों की टीम को सलामी भी. कर्तव्यपरायणता के मिशाल इन तमाम लोगों को बधाई.
जय जय भड़ास