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2.10.08

परम्पराओ का निर्वाहन

आज गाँधी जी की जयंती पर रिपोर्टिंग करने जब गई तो देखकर बड़ा अच्छा लगा की आज नगर पालिका ने गाँधी जी की प्रतिमा की सुधबुध तो ली. प्रतिमा के सामने सब गाँधीगिरी से रँगे हुए बिल्कुल तन्मयता से उनके विचारो को सुन रहे थे. सोचा काश ये दिन यहीं रुक जाए और आज की पीढी ये सब सुनकर, देश के लिए कुछ कर गुजरने का सोचे. डर था की ये दिन के निकलते ही ये सज्जन बिल्कुल बदल जायेंगे. तो क्या ओइचित्य है आज गाँधी जी की जयंती मनाने का, जब उनके विचारो को सिर्फ़ आज ही माना जाएगा. क्या ऐसा नही हो सकता की उनके विचारो के लिए पुरे साल कुछ ऐसा किया जाए की कम से कम युवा पीढी के सामने कुछ तो गुजरे, जिससे वो न चाहते हुए भी मानने को मजबूर हो जाए.

आप सब भडासियो को गाँधी जयंती की बधाई.

मिस मंजुराज ठाकुर
Sub Editor www.narmadanchal.in

4 comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

gandhi jayanti matlab sarkari chhutti

Unknown said...

जरा सोचिए....
गांधी जयंती पर
हम क्या कर रहे हैं ..

Unknown said...

जरा सोचिए....
गांधी जयंती पर
हम क्या कर रहे हैं ..
www.gonard.blogspot.com

SHEHZAD AHMED said...

ghadhiji ki jyanti par unki partima ki sudh lene ke liye neta, abhineta, adhikari or janta waqt nikal rhi hai. yeh unka ab badappan samjha jana chahiye. nhi to maa baap ke seva karne wale ab kitne hai. yeh sab jante hai. hamari dua hai sab ko sadbudhi mile or mhapurusho ke sath aisa salook na ho jaisa ho rha hai.