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3.11.08

गिद्ध

आज सुबह सुबह एक और एनकाउंटर की ख़बर मिली इस बार पुलिस ने अपना शिकार बनाया हरियाणा के कुलदीप को जो किसी शादी से लौट रहा था हरियाणा पुलिस जो किसी अपराधी की दबिश में घात लगाय बैठी थी उसने बिना कुछ सोचे समझे उस बेचारे को गोली मार दी इस का मतलब साफ़ था की हरियाणा पुलिस उस अपराधी को सीधे मारने वाली थी बिना कोई चेतावनी दिए बगैर हरियाणा पुलिस की ये कारवाही मुंबई में हुए राहुल राज के खून से मेल खाती फर्क इतना ही है की राहुल के हाथ में उस समय हथियार था लेकिन कुलदीप निहत्था था ऊपर से हरियाणा पुलिस का बयान आता है की एक्सीडेंट के चलते ये हादसा हो गया जब की चास्म्दीद उस का भाई जो कुलदीप के साथ था उसने कहा की पुलिस ने आते ही उस के भाई कुलदीप को मार दिया था बाद में उस से पुछा की कहाँ के रहने वाले हो ये पुलिसिया कारवाही है गोली पहले बाद में बातचीत ये इस बात का भी सबूत है की पुलिस चाहे कहीं की भी हो इंसानियत से उनका कोई वास्ता नहीं रहता उनका मकसद एक ही रहता है आम आदमी का शिकार करना बिल्कुल उस गिद्ध की तरह जो सिर्फ़ लगभग मरे हुओं का शिकार करता है बिल्कुल गिद्ध की तरह ये भी आम आदमी पर झपट पड़ते हैं जो पहले से ही दबा कुचला सहमा रहता है उस को और दबा कर मार डालतें हैं लेकिन जैसे कोई रसूख वाला उन के सामने आता है एक कुत्ते की तरह जी हूजूरी करने लगते हैं हलाकि अपवाद भी होते हैं मगर वो बेचारे भी उन पुलिस वालों के सामने बेबस नजर आते हैं

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