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31.12.08

नए साल पर क्‍या?

वर्ष 2008 ऐसा गया कि किसी को सूझ ही नहीं रहा कि नए साल पर क्‍या संकल्‍प किया जाए। कोई आतंकवाद को खत्‍म करना चाहता है तो कोई हिन्‍दू मुस्लिम एकता को बढ़ाना चाहता है। बीते सालों के व्‍यसन छोड़ने, मोटापा कम करने, नई ऊंचाइयां हासिल करने जैसे संकल्‍प तो मानो गायब ही हो गए हैं।
हर किसी के चेहरे पर भय साफ झलकता है
एक आम भारतीय को इतना डरा और सहमा हुआ कभी नहीं देखा। बडे शहरों में घटनाएं होती है लेकिन छोटे शहर दर्शक बने रहते हैं उन्‍हें प्रभाव नहीं पडता लेकिन इस बार ऐसा नहीं है
बीकानेर के पास जयपुर और अजमेर निशाने पर आ गए हैं तो बीकानेर में भी इसका खौफ दिखाई देने लगा है।
वैसे भी यह बॉर्डर पर बसा शहर है। बीएसएफ की सरगर्मियां कुछ निश्चिंतता दे जाती हैं लेकिन अनजाने का भय बना रहता है। अलाव पर, पाटों पर, दफ्तरों में हर जगह आतंकवादी और पाकिस्‍तान की चर्चाएं हैं। निजी संकल्‍प कहीं सुनाई ही नहीं देता।

उम्‍मीद करता हूं आठ के ठाठ तो नहीं हुए नौ के मजे शायद हो जाएं। देश में अमन और शांति बढ़े और हां, विश्‍व समुदाय में दबदबा भी...

2 comments:

Anonymous said...

HAPPY NEW 2009 * नव वर्ष की शुभकामनाएं
स्मृति वर्ष-2008 में तय किये आपने नई उपलब्धियों के नए मुकाम, देकर प्रगतिशीलता को नूतन आयाम। वर्ष -2009 के आगमन पर ,
मेरी शुभकामना है कि -आप धैर्य रूपी पिता , क्षमा रूपी माता, शांति रूपी गृहिणी, सत्य रूपी पुत्र, दया रूपी बहन तथा सयंम रूपी भाई का
सान्निध्य प्राप्त करें ।
स्वावलंबन आपके घर को अपना निवास स्थान बनाए , और -आपका जीवन शांति,सुख,संतुष्टि से भर जाये । नव वर्ष पर इन्हीं शुभकामनाओं के साथ -
आपका -Sarvesh Pandey

Anonymous said...

HAPPY NEW 2009 * नव वर्ष की शुभकामनाएं
स्मृति वर्ष-2008 में तय किये आपने नई उपलब्धियों के नए मुकाम, देकर प्रगतिशीलता को नूतन आयाम। वर्ष -2009 के आगमन पर ,
मेरी शुभकामना है कि -आप धैर्य रूपी पिता , क्षमा रूपी माता, शांति रूपी गृहिणी, सत्य रूपी पुत्र, दया रूपी बहन तथा सयंम रूपी भाई का
सान्निध्य प्राप्त करें ।
स्वावलंबन आपके घर को अपना निवास स्थान बनाए , और -आपका जीवन शांति,सुख,संतुष्टि से भर जाये । नव वर्ष पर इन्हीं शुभकामनाओं के साथ -
आपका -Sarvesh Pandey