Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

2.12.08

अब नहीं तो कब दोस्तों!

पाँव तले की चीज़
है सर पे चढी हुई
कुछ धूल हटे दोस्तों
आँधियां उठाओ

अँधेरा बहुत है
काफ़ी नहीं दिये
अब सवेरा हो दोस्तों
सूरज बुलाओ

जलते हैं सीने
प्यास गहरी है
आँसू न बहाओ दोस्तों
सैलाब ले आओ

बहुत हो चुका
अब सोना नहीं है
लोरी न गाओ दोस्तों
रणभेरी बजाओ

http://mishraosho.blogspot.com/

No comments: