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2.2.09

क्यों

यदि देखा जाये तो हमारा देश स्वतंत्र हो चुका है और इसे स्वतंत्र हुए पुरे ६० वर्ष हो चुके है, लेकिन हमें क्यों नही लगता की हम स्वतंत्र हैं। हमारे देश में आज भी इसे ब्यक्ति हैं जो स्वतंत्र हैं परन्तु स्वतंत्र नही है. ठहरिये हम आप पुरुषों की बात नही कर रहे हैं हम बात कर रहे हैं इश देश की आबरू, भारत की बेटी, ‘नारी’ की।क्यों आज भी ये आजाद नही हैं? क्यों इन्हे हमेशा दबा कर रक्खा जाता है? प्रतेक्य कार्य चाहे अच्छा हो या बुरा नारी ही सूली पर क्यों चड्ती है क्यों वह अपनी मर्जी से, अपनी इक्षा से कोई कार्य नही कर सकती? क्यों की वह नारी है। दहेज़ प्रथा हो, बाल विवाह हो या सटी प्रथा हो सभी जगह नारी का ही सोसड़ क्यों होता है? इस समाज में प्रतेक्य माता-पिता क्यों सोचते हैं की हमारे यहाँ लड़की नही बल्कि लड़का पैदा हो? बस इसलिए क्यों की वह जिंदगी भर साथ रहता है और उनके बुडापे का सहारा होता है। या फ़िर इसलिए लड़कियों को दहेज़ देना पड़ता है। क्यों लड़कियों को लड़को से कम समझा जाता है? क्यों लड़कियां अपनी मर्जी से, अपने तरीके से अपनी जिंदगी नही जी सकती? क्यों लड़को की लड़कियों को कम शिक्षा दी जाती है? एक लड़का अपने घर से बिना किसी को बताये, बिना किसी से पूछे तुंरत घर से चला जाता है और जब मर्जी तब आता है। उससे कोई सवाल नही पूछा जाता की वो कहाँ गया था और क्यों गया था। और लड़कियां अपनी मर्जी से घर से बाहर नही जा सकती। क्यों उन पर इतनी पाबंदियां लगायी जाती हैं? जब की अक्सर देखा जाता है की लड़को की अपेक्षा लड़कियां ही अपने माता-पिता व घर-परिवार की ज्यादा परवाह करती हैं। हम पूछते हैं की क्यों लड़कियों को प्रेम विवाह करने पर मार दिया जाता है और लड़को को कुछ भी करने की आज़ादी है? इतना अन्याय सिर्फ़ लड़कियों के साथ ही क्यों? लड़को के प्रति क्या कोई कानून नही है? यदी माता - पिता या देश में रहने वाला कोई भी पुरूष ये सोचता है की हम सब कुछ कर सकते है नारी कुछ भी नही कर सकती? तो ये उनके जिंदगी की सबसे बड़ी भूल है. ये भूल जाते हैं की हमें इस दुनिया में लाने वाली भी एक नारी ही है और हमें इस मुकाम तक पहुचने वाली भी एक नारी ही है. यदि एक नारी जीवन दे सकती है तो जीवन ले भी सकती है. अक्सर माता -पिता ये भूल जाते हैं की यदि लड़का घर का चिराग है तो लड़की भी ‘घर की रौशनी’ है. एक नारी के पैरो में इतनी सारी बेडियाँ क्यों होती हैं? हर प्रकार की उम्मीदे व इच्क्षाएं एक नारी से ही क्यों की जाती हैं? क्यों की वह सब सह कर, चुप रह कर आपकी सारी उम्मीदें व इक्सायें पूरी करती है।

शायद इन सवालो का जवाब किसी के पास नही होगा और अगर होगा भी तो पूरा नही होगा।

deep madhav

deep_sa15@yahoo.co.in

1 comment:

Bandmru said...

यक्ष प्रश्न है जिसका कोई जबाब नहीं. आराम कीजिये या कुच्छ और लिखिए.