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18.2.09

अमरकंटक में दुर्वासा ऋषि की गुफा


विनय बिहारी सिंह

अमरकंटक मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में है। वहां कपिल मुनि का आश्रम तो है ही, वह गुफा भी है जिसमें दुर्वासा ऋषि ने तपस्या की थी। इसी जगह का नाम दूध धारा है। यहां नर्मदा एक पतली पहाड़ी नदी के रूप में है। उसका पानी जहां झरने जैसा गिरता है, दूध की तरह दिखता है। कपिल मुनि के आश्रम के पास नर्मदा नदी खूबसूरत झरने जैसी गिरती है। इसे कपिलधारा कहते हैं। यहां का दृश्य अत्यंत नयनाभिराम है। सचमुच अमरकंटक ऋषियों की तपस्या स्थली है। वहीं तीन दिन पहले दुर्वासा ऋषि की गुफा में भी मुझे जाने का मौका मिला। वहां एक शिवलिंग है, जिस पर न जाने कहां से लगातार बूंद- बूंद करके पानी गिरता रहता है। शायद नर्मदा नदी भगवान शिव की अराधना करती है। वहां से हटने की इच्छा नहीं हो रही थी। नर्मदा नदी के पवित्र जल में पैर धोकर मैं दुर्वासा ऋषि की गुफा में गया। वहां घनघोर शांति का अनुभव होता है। यूं तो दुर्वासा ऋषि क्रोधी के रूप में प्रसिद्ध हैं लेकिन उनकी गुफा में ऐसी शांति पा कर मुझे लगा कि कई बातें सुनी- सुनाई भी हैं। अगर उनमें क्रोध होता तो उनकी गुफा इतनी प्रेम और शांति के साथ वाइब्रेट कैसे होती। कपिल मुनि की तपस्या स्थली भी अत्यंत गहरी शांति से ओतप्रोत है। गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है- सिद्धों में मैं कपिल मुनि हूं। सांख्य योग के जनक कपिल मुनि की तपस्या स्थली पर जाकर मैं खुद को अत्यंत भाग्यवान महसूस कर रहा था। वहां मधुमक्खियों के अनेक छत्ते बता रहे थे कि वहां भारी मात्रा में मधु है। सांसारिक मधु तो है ही, आध्यात्मिक मधु भी है। आप तनिक शांत होइए और जी भर कर पीजिए।

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