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20.5.09

पेरिस में बनारस के जलवे

फैशन के शहर पेरिस में इन दिनों वाराणसी के बुनकरों के बनाये कपड़ो की धूम मची है इतना ही नही फ्रांस के एथिकल फैशन शो में बनारस के कपड़ो से बनो आधुनिक परिधानों का अलग ही जलवा देखने को मिला है । एसा पहली बार हुआ की बनारस के बुनकरों के हाथो बने कपड़े और ड्रेस में मॉडल ने रैंप पर चहलकदमी की ,बनारस के डूबते हथकरघा उद्योग के लिए निसंदेह यह न सिर्फ़ एक गौरव की बात है बल्कि एक संदेश भी है की ईमानदारी से किया गया एक प्रयास इस उद्योग को फिर से अपनी पहचान दिलाने के साथ बनारस से पलायन कर रहे बेरोजगारों को रोजगार दे सकता है ,और इसे हकीकत में कर दिखाया है उपासना और वाराणसी वीवर्स नामक एक संस्था ने ,इस संस्था ने बनारस के एक दर्जन गावं में बुनकरों को रोजगार देकर उनका जीवन स्तर बदल डाला है ,कल तक बुनकारी छोड़कर रिक्श्वा चलाने को मजबूर ये बुनकर अब अपने घर में काम कर हर माह ६ से ७ हजार कमा रहे है । इस प्रोजेक्ट को बनारस में संचालित कर रही श्रीमती दीप्ती ने इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया की इस प्रोजेक्ट की मुख्य सूत्रधार ओरोविल पोंडिचेरी की संस्था उपासना है जिसकी प्रमुख उमा प्रजापति के प्रयास और डेनमार्क के बेस्टसेलर के आर्थिक सहयोग से ये योजना चलायी जा रही है जिसका मुख्य उद्देश्य बनारस की इस प्राचीन और जीवंत कला को फिर से पहचान दिलाने के साथ बुनकरों को सूदखोरों और साडी के गद्दिदारो ,बिचौलियों से मुक्त कर ख़ुद में स्वरोजगार बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ।संस्था के जानने के लिए आप http://varanasiweavers.org/ जाए

2 comments:

गौरव मिश्रा (वाराणसी) said...

banaras...ka kya khana jaha dekho wahi hai banaras ki yaad

Anonymous said...

bunkaro ka vajib haq mile ye jyada jaruri h. banaras ko paris me bhunane se jise fayda pahuchega wo sbhi ko pata h. karodo ka anda dene wali murgi ko hara chara khilane ke tarike purane aur ghatiya hai.

- ek banarasi