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26.7.09

वाकई में न्याय मिलेगा?

आदरणीय बड़े भाईजी
सादर प्रणाम

भाईजी, मैँ आपको जो बताने जा रहा हूँ वो सम्भवतः अपने आप मेँ हिन्दुस्तान की अनोखी घटना है और इस केस को दबाने के लिये जिन लोगो ने (इस केस से सम्बन्धित पुलिस अधिकारी/सी.बी.सी..आई.डी./बैँक अधिकारी) अपनी चतुर बुद्धि कौशल का उपयोग किया वो और भी बेमिसाल है। मेरी माताजी के नाम स्थानीय इलाहाबाद बैँक मेँ एक लॉकर न॰ 603 आवाटित था/है। दिनांक 11-08-97 को जब मेरी माताजी उक्त लॉकर ऑपरेट करने गयीँ तो उक्त लॉकर खोलने पर पाया कि लॉकर मेँ पूर्व मेँ रखे गये समस्त जेवर तथा कागजात नही हैँ। बड़े भाईजी ये तो आप जानते हैँ कि हमारे देश मेँ भुक्तभोगी ही कसूरवार ठहराया जाता है और हमारे साथ भी यही हुआ! अथक् प्रयासोँ के बाद कोतवाली मेँ अपराध सँख्या-1794/97 धारा 409IPC के तहत F.I.R. दर्ज हुई। उक्त घटना की खबर जब दूसरे दिन अखबारोँ मेँ आई तो बैँक मेँ अपना-अपना लॉकर चेक करने लोग आये तो लॉकर से सभी सामान गायब पाये गये लॉकरोँ की सँख्या 17 हो गयी तथा तीसरे दिन यह सँख्या 31 हो गयी। कुल मिलाकर लगभग 10 करोड़ से भी ऊपर की जालसाजी/घोटाला (बैँक कर्मचारियोँ द्वारा)
बड़े भाईजी तब से लेकर अब तक हम अपनी बूढ़ी/विधवा माँ के साथ हर दर पर जा चुके हैँ लेकिन नतीजा शायद परमभ्रष्ट भारतीय प्रशासकीय मशीनरी मेँ उलझ कर रह गया है। हम तो बेहद निराश/हताश होकर इस केस को भूल गये थे परन्तु आप जैसे दिग्गज भाईजी को पाकर एक आशा की किरण ने फिर जन्म लिया है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप उस नक्कारखाने मेँ मेरी आवाज जरुर बुलन्द करेँगे जहाँ मेरी आवाज का लोगोँ ने कंपन भी महसूस नही किया।
सरकारी मशीनरी कहती है कि हमारे द्वारा विकसित बैँक प्रणाली अभेद्य है तुम लोग झूंठ बोलते हो कि लॉकर मेँ से सामान चोरी हो गया है, इस प्रकार के आशय की फाइनल रिपोर्ट C.B.C.I.D कोर्ट मेँ पेश कर चुकी है, हमारा कहना है कि हम झूंठ नही बोल रहे है हम तो अपनी बात को सच साबित करने के लिये- लाइ डिटेक्टर टेस्ट/ब्रेन मैपिँग टेस्ट/पॉलीग्रॉफ टेस्ट/नार्को एनालिसिस टेस्ट या इस दुनिया मेँ उपलब्ध किसी भी प्रकार की टेस्टिँग/जाँच करवाने को तैयार हैँ यदि टेस्टिँग रिपोर्ट 2% भी नेगेटिव आये तो हमको सरेआम फाँसी पर लटका देँ या गोली से उड़ा देँ।
क्या आपके पास शिकायत दर्ज कराने पर वाकई में न्याय मिलेगा?
वैसे तो मैँ आपके परमभ्रष्ट देश भारत की परमभ्रष्ट सरकारी मशीनरी से लड़ते हुए ये सोँच कर आत्म संतुष्ट होकर शांत बैठ गयी कि जब इस देश मेँ 99.999% न्यायिक मामलोँ मेँ न्याय का मानक सिर्फ भ्रष्टाचार है तो मेरी क्या औकात है? जो मुझे न्याय मिले।
महामहिमजी, मेरी लड़ाई तो आपके भ्रष्ट देश भारत की पूर्णरुपेण भ्रष्ट गुंडा / माफिया रुपी सरकारी मशीनरी से है जिससे मैँ कहती हुँ कि यदि मैँ अपने मामले मेँ झूंठ बोल रही हुँ तो आपलोग मेरा लाइडिटेक्टरटेस्ट/ ब्रेन मैपिँग टेस्ट / पॉलीग्राफटेस्ट / नार्को एनालिसिस टेस्ट ले लीजिये और अगर रिपोर्ट 0.01% भी मेरी शिकायत से नेगेटिव निकले तो दिल्ली के लालकिले के ऊपर खड़ा करके गोली से उड़ा देँ लेकिन उन
भ्रष्टाचारियोँ को शायद अपने भ्रष्टकर्मो से मेरे लिये अवकाश नही है। इस देश पर मेरा / मेरे जैसे लोगोँ का पुन: विश्वास कायम हो इसके लिये क्या आप वाकई मेँ मेरी पुकार सुनेंगे? है आपके अन्दर साहस मुझे सम्बन्धित विभाग से न्याय दिलाने का ??? या ये हेल्पलाइन भी भ्रष्टाचार का एक अंग मात्र है॥
आपका
रविकांत शर्मा, सावित्री देवी शर्मा
314, कोठापार्चा, चौक-फैजाबाद- 224001
MOB..NO. 9936148125
ravinitu2006@yahoo.co.in

1 comment:

jindaginama said...

yashvant bhaiya,
aapne kisi ki man ki baaton ko likha hai. nyay tantra mein vyapt khami ko door kiya jana jaruru hai.
aapka
raj kumar sahu
janjgir, chhattisgarh