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20.7.09

हम तो भई जैसे है, वैसे रहेंगे

अरविन्द शर्मा

बदले या नहीं बदले, दूसरों को बदलने की जिद हर किसी पर सवार है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। कुछ लोग मुझे बदलने के लिए हर संभव कोशिश....

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2 comments:

shantanu said...

जनाब, आप जैसे हैं वैसे ही रहें. दूसरों के प्रयासों को विफल करतें रहें और अपनी मौलिकता बनाये रखें.

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

हम को बदल सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से है ज़माना, ज़माने से हम नहीं:)