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22.7.09

Purana Kila : A reserve monument for Love Couples...

कल यूँ ही अचानक घुमने की इक्छा जागृत हो गई और पहुँच गया मैं अपने एक दोस्त के साथ "पुराना किला (A National Researve Monument near by Supreame Court and Pragti Maidan in New Delhi)". Rs. 7/Person (Rs. 5 for Kila and Rs. 2 for Museaum) का टिकट लिया और दाखिल हो गया
अन्दर पहुँचते ही सोंच में पड़ गया की कहीं मैंने यहाँ आकर कोई गलती तो नही कर दी। मुझे लगा इस सभ्य स्थान में मेरे जैसे लोगों का क्या काम... Guilty feel कर रहा था... कितने ही सभ्य लोग वहाँ चुप-चाप बैठे enjoy कर रहे है और मैं खामख्वाह उन लोगों को तंग करने पहुँच गया. ये भी कोई बात हुई, घुमने का मन हुआ तो क्या हुआ... कहीं भी पहुँच जाऊँ... माना मेरा देश स्वतंत्र है तो इसका क्या मतलब...
सबसे पहले तो गेट पर हाथों में एक डंडा लिए श्रीमान नजर आये जो वहाँ की सुरक्षा का जिम्मा उठाए हुए थे. अरे हाँ उन से पहले मेरा सामने कुछ किन्नरों से भी हुआ जो लोगों से वहाँ आने का फीस वसूल रहे थे (सही भी है... उनकी जिम्मेदारी बनती है. अब सरकार वहाँ आने का टिकट ले सकती है तो वो क्यों नहीं?)
हाँ तो श्रीमान संरक्षक ने तो हमें छुआ भी नहीं (तलाशी तो दूर की बात है)... शक्ल से ही मैं शरीफ दीखता हूँ. फिर मैं जा पहुंचा पुराने किले के अन्दर. किला देखने लायक था या नहीं बाद में बताऊंगा पर अन्दर का दृश्य लाजवाब था. कई सारे सभ्य लड़के, लडकियां एक दुसरे के गले में हाथ डाले इस जुलाई के गर्मी में पेडों के नीचे बैठे छाव का आनंद ले रहे थे. कुछ सभ्य जोड़े एक दुसरे के साथ प्रेमालाप में भी व्यस्त थे. अब उनकी क्या गलती... थोडा और आगे बढा और किले के अन्दर पहुँच गया (जाना नहीं चाहिए था). वहाँ एक और जोड़ा प्रेमालाप के अगले चरण पर था पर मेरे वहाँ पहुँचते ही उनके कार्य में खलल पड़ गया. जल्दी से मैं वहाँ से आगे बढ़ गया (उन लोगों को और ज्यादा disturb नहीं करना चाहता था). मैंने सोंचा जल्दी जल्दी किला देखूं और निकलूं वहाँ से. किले के हर दरो-दिवार पर किसी न किसी प्रेमी जोड़े का अमर नाम लिखा हुआ था जो किले की शोभा को और बढा रहा था. किले का रंग ही बदला हुआ लग रहा था.
हर दिवार, हर पेड़, हर झाडी के पीछे कोई न कोई सभ्य जोड़ा बैठा अपने अपने दिन को हसीं और यादगार बना रहा था. इतने देर मैं मुझे खुद पर इतनी ग्लानी महसूस हो रही थी कि मैं क्यों धारा ३७७ को चरितार्थ करने अपने दोस्त के साथ आया हूँ. उन सारे जोडों के बीच मैं खुद को वैसा ही महसूस कर रहा था जैसा हंस करता हो कौवों के बीच में. 
अपने  देश के सरकार और संरक्षकों को धन्यवाद देना चाहूँगा ऐसे इन्तेजामात के लिए कि ये प्रेमी जोड़े अपने हसीं वक़्त को बिना किसी डर के बिता सके. और मैं उन सभी परिवार, बच्चों, और मेरे जैसे लोगों से गुजारिश करूँगा कि कृपया वो इन जगहों पर जाकर प्रेम के दुश्मन न बने.
अंत में अपनी सरकार से एक और छोटी सी गुजारिश है कृपया पुराने किले के नाम मैं थोडा सा बदलाव करें "पुराना किला: A reserve monument for Love Couples"
उम्मीद है लोग मेरी बातों पर अमल करेंगे और सभी प्रेमी जोडो का सम्मान करेंगे....

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