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8.8.09

फीस वृद्धि से शिक्षा गरीब व्यक्ति की पहुंच से बाहर होती जा

बेतहाशा फीस वृद्धि से शिक्षा गरीब व्यक्ति की पहुंच से बाहर होती जा रही
है ....क्या नही ? समाज , सरकार , हमें आखिर क्या करना चाहिये???????

जिस तरह इंजीनियरिग के क्षेत्र में प्रवेश परीक्षा
IITJEE, या AIEEE से विभिन्न राष्ट्रीय इंजीनियरिग संस्थानो में प्रवेश
दिया जाता है वैसे ही प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा CLAT कामन ला एडमीशन
टेस्ट के द्वारा देश के बौद्धिक रूप से श्रेष्ठ बारहवीं पास छात्रो का
चयन B.A.LLB. Hon. पांच वर्षीय कोर्स हेतु किया जाता है . उल्लेखनीय है
कि प्रतिभा का सम्मान करते हुये IITJEE, या AIEEE से चयनित छात्रों से
मात्र पच्चीस हजार से तीस हजार वार्षिक फीस ही ली जाती है .जबकि देश के
लगभग सभी प्रतिष्ठित ला इंस्टीट्यूट द्वारा प्रवेश परीक्षा क्लैट से पहले
घोषित वार्षिक फीस रु. एक लाख पंद्रह हजार प्रति वर्ष थी .जिसे बिना किसी
तार्किक कारण के , स्वायत्ता का लाभ लेते हुये , अब छात्रों का चयन हो
जाने पर संस्था ने एक लाख इक्यासी हजार रु.प्रति वर्ष कर दिया है .
पुरानी फीस ही स्वयं में सामान्य से अधिक थी . अब यह वृद्धि समझ से परे
है .सबके लिये सस्ती सुलभ कानूनी सेवाओ के उद्देश्य की पूर्ती में यह
बेतहाशा फीस वृद्धि बाधक है एवं मेधावी ला छात्रों के साथ यह घोर अन्याय
है.साथ ही ला को इंजीनियरिग के समानांतर प्रतिष्ठित करने में भी बाधक
है . उल्लेखनीय है कि इंजीनियरिग में तो लैब इत्यादि का व्यापक व्यय होता
है जबकि ला की शिक्षा में पारंपरिक व्याख्यान ही प्रमुख होते हैं .इस तरह
की बेतहाशा फीस वृद्धि से शिक्षा गरीब व्यक्ति की पहुंच से बाहर होती जा
रही है ....क्या नही ? समाज , सरकार , हमें आखिर क्या करना चाहिये???????

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