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9.12.09

चित्तौड़ महोत्सव का पहली बार आयोजन 15-17 Jan,2010






चित्तौडगढ मे पहले बार एक महोत्सव का आयोजन हो रहा है जहां ३ दिन तक बहुत बड़े रूप मे एक आयोजन होने जा रहा  है.दुर्ग से लेकर शहर तक होने वाले इस आयोजन की तेयारियां जारी है.परंपरागत खेलों के साथ साथ यहाँ कुछ लोक संगीत के कार्यक्रम भी होने वाले है..जिला कलेक्टर और कुछ राजनेताओं के साथ ही सामाजिक संघथानो के साथ मिलकर होने वाले इस आयोजन मे आप सभी का हार्दिक स्वागत है.


जिला कलक्टर डाॅ0 आरूषी ए. मलिक ने कहा कि आमागी 15 से 17 जनवरी तक आयोजित किये जाने वाले चित्तौड़गढ़ महोत्सव को भव्यता प्रदान करने में जिले के सभी नागरिको का सहयोग आवश्यक है ताकि इस महोत्सव के बहाने देशी-विदेश के पर्यटको को आकर्षित कर इस आयोजन को नये इतिहास का स्वर्णिम पृष्ठ बनाया जा सके।



जिला कलक्टर डाॅ0 मलिक मंगलवार को जिला परिषद के विकास खण्ड सभागार मे आयोजित चित्तौड़गढ़ महोत्सव की तैयारियों के संबंध में जनप्रतिनिधयों, गणमान्य नागरिको व अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुये सम्बोधित कर रही थी। उन्होने कहा कि महोत्सव को यादगार बनाने के लिये जिले के सभी क्षेत्रों से शोभा यात्रा में झांकिया प्रदर्शित करने, तुर्रा कंलगी, स्वांग, लोक कलाकारों, कला मण्डलों के साथ ही हाथी, घोड़े, ऊंट, बैण्ड, परम्परागत वाद्य यंत्रा, पारम्परिक वेश-भूषा मे महिला-पुरूषों को जोड़ने की योजना बनाई गई है। उन्होने कहा कि यह महोत्सव यहां के नागरिको का है जिसमें जनप्रतिनिधी काफी रूचि ले रहे है उसी अनुरूप आम आदमी को इससे जुड़ना होगा। इसके लिये आगामी 2-3 दिनो मे व्यापारिक संगठनो, सामाजिक संगठनों, बच्चों एव महिलाओं व मिडिया से सुझाव लिये जाकर कार्यक्रम मे जोड़ने का प्रयास किया जायेगा। बैठक में क्षेत्राीय विद्यायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत ने कहा कि राज्य के अन्य जिलो की तरह यहां भी चित्तौड़गढ़ महोत्सव मनाने की कल्पना की गई है जिसके लिये सभी के रचनात्मक सहयोग व सुझावों से व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है। उन्होने कहा कि चित्तौड़गढ़ विश्व प्रसिद्ध स्थान है जहां प्रथम बार चित्तौड़गढ़ महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है उसे यादगार बनाने के लिये व्यापक स्तर पर जनभागीदारी नितान्त आवश्यक है। इसलिये समाज के प्रत्येक वर्ग तथा हर आयु वर्ग के लोग इससे जुड़े और इसे भव्यता प्रदान करे।

उन्होने आग्रह किया कि इस महोत्सव को भव्यता प्रदान करने के लिये सभी अपने रचनात्मक सुझाव दे। उन्होने बताया कि महोत्सव के दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम गरिमा मय होगें। उन्होने कहा कि इस वर्ष प्रथम बार आयोजित किये जानेे वाला चित्तौड़गढ़ महोत्सव हर वर्ष परवान पर चढे और देशी-विदेशी पर्यटको का इससे ऐसा लगाव हो कि आने वाले महोत्सव की वे अग्रिम प्रतिक्षा करने लगे। इसके लिये महोत्सव के दौरान सभी आकर्षक कार्यक्रम आयोजित करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा।



बैठक मे जिला परिषद के अति. मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवधेश सिंह ने 15 से 17 जनवरी तक आयोजित किये जाने वाले चित्तौड़गढ़ महोत्सव के प्रस्तावित कार्यक्रम पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये बताया कि 15 जनवरी को चित्तौड़गढ़ महोत्सव का आगाज दुर्ग स्थित कालिका माता मंदिर मे गणपति स्थापना व फतेह प्रकाश पर ध्वजा रोहण एवं पाण्डन पोल से भव्य शोभा यात्रा के साथ किया जायेगा। इस दौरान दुर्ग एवं नगर के प्रमुख स्मारको एवं चैराहों पर विद्युत रोशनी से सजावट, नगर में स्वागत द्वार, रंगोली माण्डना, महिला व पुरूष वर्ग की रस्सा-कस्सी के साथ ही 16 व 17 जनवरी को विभिन्न परम्परागत खेल-कूद प्रतियोगिताएं साफा बांधो, तीरंदाजी, पंतगबाजी, मटकी दौड़, गिल्ली डण्डा व मूंछ संवारो प्रतियोगिता, सेना के माध्यम से शौर्य प्रदर्शन, अश्व प्रदर्शन, पश्चिमी क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र, पर्यवटन विभाग के अलावा प्रमुख सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित कर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, ग्रामीण हाट मे शिल्प उत्सव मुख्य आकर्षण होगें वहीं जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल मेनाल, बस्सी, विजयपुर व बाडोली मे भी महोत्सव के दौरान आकर्षक कार्यक्रम आयोजित किये जायेगंे। 

बैठक मंे हरकलाल चिप्पड़ ने विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक दुर्ग पर एक शाम दुर्ग के नाम कार्यक्रम आयोजित करने, पूर्व कर्नल रणधीर सिंह ने महोत्सव की शोभा यात्रा मे अधिकारियों एवं कर्मचारियों, विधालयी छात्रा-छात्राओं, विभिन्न समाजों को जोड़ने, उदयपुर पुलिस से अश्व मंगवाकर होर्स शो आयोजित करने, वरिष्ठ नागरिक मंच के अध्यक्ष नवरतन पटवारी ने महोत्सव को चित्तौड़गढ़ की ऐतिहासिक तिथियों से जोड़ने, मिस्टर व मिस चित्तौड़गढ़ प्रतियोगिता मे परम्परागत परिधानों को आवश्यक करने, पत्राकार गोविन्द त्रिपाठी ने छात्रा खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने व शोभा यात्रा को दो भागो से जोड़कर व्यापक स्वरूप प्रदान करने, मीरा स्मृति संस्थान के उपाध्यक्ष सत्यनारायण काबरा ने इस महोत्सव को मार्केटिंग पोइन्ट बनाकर भारतीय पर्यटन को आकर्षित करने का सुझाव दिया। कवि अब्दुल जब्बार ने महोत्सव की सफलता मे हर संभव सहयोग का विश्वास दिलाया।



इसी प्रकार अखिलेश श्रीवास्तव ने महोत्सव में साहित्यिक, सांस्कृतिक संगठनों, खेल संघो को जोड़ने, बच्चो के लिये आकर्षक आयोजन करने, शोभा यात्रा मे प्रभात फैरियोे को शामिल करने का सुझाव दिया। पूर्व जन सम्पर्क उप निदेशक नटवर त्रिपाठी ने महोत्सव के दौरान शहर को रंगो की एकरूपता प्रदान करने, कला मण्डिलियो को संयोजित करने व दुर्ग की प्राचीर से राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के माध्यम से संदेश देने, पूर्व पालिकाध्यक्ष आनंद सांदू ने महोत्सव का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने, नगरपालिका उपाध्यक्ष संदीप शर्मा ने महोत्सव के दौरान चित्तौड़ वासियोें को इसके इतिहास की जानकारी देने व मिडिया के माध्यम से सुझाव संकलित करने, पेंशनर समाज के जिलाध्यक्ष शांति लाल शर्मा ने शोभा यात्रा में सभी तहसीलो से झांकियो का प्रदर्शन करने व पेंशनर समाज द्वारा पूरा योगदान करने का आश्वासन दिया वहीं जगदीश शर्मा ने नगर के सभी 40 वार्डो मे नुक्कड़ सभा के माध्यम से पेेम्पलेट वितरण का विश्वास दिलाया।


कमालुदीन नीलगर ने महोत्सव के साथ विकास की कडी जोडने, मीरा स्मृति संस्थान के प्रो. सचिव एस0एन0 समदानी ने इस मोहत्सव के साथ कुछ नई परम्पराएं शुरू करने, पुरातात्विक महत्व के स्थलों की सार संभाल करने व हैरिटेज वाॅक का आयोजन करने के साथ ही हैरिटेज आॅफ मेवाड़ प्रदर्शनी का आयोजन करने का सुझाव दिया। इस अवसर पर सुनिल कुमार झा ने विद्यालयो में इतिहास पर निबन्ध प्रतियोगिता आयोजित करने, सरदार सतपाल सिंह ने बैलगाड़ी व बैल दौड़, जितेन्द्र सिंह ने ट्रावैल्स एजेन्सियों को प्रचार मे शामिल करने एव पत्राकार नरेश ठक्कर ने महोत्सव मे व्यापक जन भागीदारी के लिये सुझाव देने वालो मे से श्रेष्ठ सुझावों मे से श्रेष्ठ सुझाव का चयन कर पत्राकार संघ जार की और से पुरूस्कृत करने, समारोह में मितव्ययिता की दृष्टि से आतीशबाजी नहीं करने, विभिन्न राज्यो से चट-पटे व्यंजनो के स्टाल आमंत्रित करने तथा महोसत्व के दौरान स्वाइन फ्लू से बचाव की पुख्ता व्यवस्था करने का सुझाव दिया। इस अवसर पर अति. कलक्टर प्रशासन डी0सी0 जैन बताया कि महोत्सव के प्रथम दिवस 15 जनवरी को स्थानीय अवकाश घोषित कराने का प्रयास किया जाना चाहिये ताकि 16 व 17 जनवरी के अवकाश के दिनो मे इस महोत्सव मे स्वतःही जन भागीदारी बढ सके। बैठक मे पुलिस अधीक्षक डाॅ0 गिर्राज मीणा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी0एस0 गर्ग, उप खण्ड अधिकारी अमरसिंह कानावत, कमलेश आबूसरिया, कविता पाठक, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक टी0एस0 मारवाह, प्रधानाचार्य सुभाष शर्मा, निम्बाहेड़ा प्रधान प्रहलाद जटिया, पूर्व पलिका अध्यक्ष रमेशनाथ, रावतभाटा नगरपालिका अध्यक्ष ममता बाई, उद्यमी जी0एस0 सिशोदिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, गणमान्य नागरिक, पत्राकार आदि उपस्थित थे।




इससे पूर्व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी0एस0 गर्ग ने चित्तौड़गढ़ महोत्सव के आयोजन के लिये गठित विभिन्न समितियों के प्रभारी अधिकारियों की बैठक लेते हुये उन्हे निर्देशित किया कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन करने मे गहरी रूचि ले ताकि यह आयोजन पूर्णरूप से सफल हो सके। उन्होने समिति के संयोजको को निर्देशित किया वे 25 दिसम्बर तक कार्य योजना की प्रगति से अवगत कराये। उन्होने महोत्सव के दौरान आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में भी विस्तार से प्रकाश डाला। इस बैठक मे उप खण्ड अधिकारी कमलेश आबूसरिया व अमरसिंह कानावत ने शोभा यात्रा मे जनजाति व परम्परागत समूह को शामिल करने, दीपदान कार्यक्रम जोड़ने, सहायक पर्यटन अधिकारी बी0एल0 तेली ने पर्यटन विभाग के चयनित कलाकारो के दल आमंत्रित करने के लिये आयुक्त महोदय से आग्रह करने, दुर्ग स्थित म्यूजियम मे उपलब्ध प्राचीन सामग्री का प्रदर्शन करने का सुझाव दिया।


सुचना श्रोत



सादर,

माणिक
आकाशवाणी उद्घोषक,स्पिक मैके कार्यकर्ता,अध्यापक
http://apnimaati.blogspot.com/

1 comment:

मनोज कुमार said...

अच्छी जानकारी। धन्यवाद।