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11.12.09

यह परिदृश्य?




खौफनाक है यह परिदृश्य ,क्या होगा विश्व का भविष्य |
कौन जियेगा ,कौन मरेगा मानवता का कैसा रिस्क
मानव ख़ुद को मार रहा है हम कैसे इसे बचायेंगे||

लोगों की आवयश्कता अब बन रही समस्या|
ग्रह ,नक्षत्र और तारे क्या यही बच पायेंगे
मानव ख़ुद को मार रहा है हम कैसे इसे बचायेंगे||

कार्बन हो या मोनो कार्बन कैसे इसे घटाएंगे|
परिवर्तन एक कटु सत्य है कैसे इसे झुठ्लायेंगे
मानव ख़ुद को मार रहा है हम कैसे इसे बचायेंगे||

फिज्जी हो या वेटिकन सिटी एक लोग भी ना बच पायेंगे |
मानव ख़ुद को मार रहा है हम कैसे इसे बचायेंगे||

2 comments:

Creative Manch said...

कार्बन हो या मोनो कार्बन कैसे इसे घटाएंगे|
मानव ख़ुद को मार रहा है हम कैसे इसे बचायेंगे||

रचना के माध्यम से बेहतरीन चिंतन
आभार व शुभकामनायें

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क्रियेटिव मंच
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Unknown said...

is rachnaa ka hardik swaagat

waah !
waah !

bahut khoob !